Bihar News: मुजफ्फरपुर में तीन और बच्चों में AES की पुष्टि, चमकी-बुखार के दो नये मामले आये सामने

जनवरी से अबतक 17 बच्चों में एइएस की पुष्टि हो चुकी है जबकि दो बच्चों की मौत भी हो चुकी है.एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती तीन बच्चों में एइएस की पुष्टि और हुई है. चमकी बुखार के दो भर्ती किये गये हैं.

By Prabhat Khabar | April 19, 2022 11:02 AM

मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में भर्ती तीन बच्चों में एइएस ही पुष्टि हुई है. वहीं दो बच्चे सस्पेक्टेड भर्ती हुए हैं. इनका ब्लड सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेजा गया है. एइएस की पुष्टि हाेने वाले में दो बच्चे सीतामढ़ी के हैं, जबकि एक मुशहरी का है.

अबतक बीमार हुए बच्चों में 11 बच्चा और छह बच्ची

उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि सीतामढ़ी के बैरगनिया के तीन साल के बच्चे व सीतामढ़ी के नानपुर के पांच साल के बच्चे और मुजफ्फरपुर के मुशहरी रजवाड़ा के पांच साल की बच्ची में भी एइएस की पुष्टि हुई है. पीड़ित बच्चों की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गयी है. पीड़ित बच्चों में भी हाइपोग्लाइसीमिया की पुष्टि हुई है.अबतक बीमार हुए बच्चों में 11 बच्चा और छह बच्ची है. इलाज के दौरान दो बच्चों की मौत हो चुकी है.

भाड़े के वाहन से भी पीएचसी पहुंचे तो एइएस पीड़ित के परिजन को होगा तुरंत भुगतान

एइएस पीड़ित बच्चों को अगर परिजन भाड़े के वाहन से भी लेकर पीएचसी पहुंचते हैं तो उनके वाहन का भुगतान स्वास्थ्य विभाग करेगा. इसके लिए जिले के 16 पीएचसी में पेमेंट काउंटर खोले गये हैं. प्रभारी सिविल सर्जन डॉ सुभाष कुमार ने कहा कि सभी जगहों पर भुगतान के निर्देश दिये गये हैं. यह जरूरी नहीं कि एइएस पुष्टि होने के बाद ही भुगतान होगा, अगर लक्षण है तो भी भुगतान होगा.

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एइएस पीड़ित बच्चों के भुगतान की राशि

प्रभारी सिविल सर्जन ने कहा कि इस काउंटर पर परिजनों को अपने बच्चे के एइएस पीड़ित होने से संबंधित कागजात देने होंगे, इसके बाद भुगतान कर दिया जायेगा. एइएस पीड़ित बच्चों के भुगतान की राशि 400 से 1000 रुपये तय कर दी गयी है. दूरी के अनुसार भुगतान किया जायेगा.

हर पंचायत में एक वाहन

प्रभारी सिविल सर्जन ने कहा कि एइएस पीड़ित बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस के साथ-साथ हर पंचायत में एक वाहन टैग किये गये हैं. इन वाहनों का नंबर पंचायत प्रतिनिधि से लेकर हर जगह उपलब्ध कराये गये हैं. इसके अलावा अगर किसी बच्चों को एंबुलेंस व टैग किये गये वाहन उपलब्ध नहीं हो पाते हैं तो वह भाड़े के वाहन से अस्पताल पहुंचे सकते हैं. उन भाड़े के वाहन का भाड़ा उन्हें स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करायेगा.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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