मां दुर्गा के जयकारे से चहुंओर भक्तिमय हुआ माहौल
मां दुर्गा के जयकारे से चहुंओर भक्तिमय हुआ माहौल
मुंगेर. नवरात्र का त्योहार सोमवार को भक्ति और धार्मिक उत्साह के साथ शुरू हुआ, जिसकी शुरुआत पवित्र कलश की स्थापना से हुई. नवरात्र के पहले दिन, भक्तों ने देवी दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा की. मंदिरों में भक्ति का माहौल था, घंटियों, शंख और दुर्गा सप्तशती के पाठ की ध्वनि गूंज रही थी. दिन की पहली पूजा से ही सादीपुर के मुख्य दुर्गा मंदिर में भक्त आने लगे. शाम को, देवी की शाम की आरती में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ पड़ी.
वेद मंत्रोच्चार के साथ हुआ कलश स्थापन
नवरात्र पर हजारों श्रद्धालुओं ने कष्टहरणी घाट, बबुआ घाट, सोझी घाट, लाल दरवाजा घाट सहित जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धा की डुबकी लगायी. सबसे अधिक कष्टहरणी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. शुभ मुहूर्त में कलश स्थापन किया गया. शहर के शादीपुर स्थित श्री श्री 108 बड़ी दुर्गा स्थान में कलश स्थापन के दौरान मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई थी. कील, कवच, अर्गला व देवी सूक्तम के स्तोत्र से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानों साक्षात देवी जगदम्बा प्रकट हो गयी हो. सप्तशती दुर्गा पाठ के श्लोकों को सुन श्रद्धालु ध्यानमग्न हो गये. कई श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में बैठ कर दुर्गा पाठ व दुर्गा चालीसा का पाठ कर रहे थे. कलश स्थापन व माता शैलपुत्री की आराधना के उपरांत माता की आरती उतारी गयी. श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया.
दिव्य चेतना का बोध करातीं मां शैलपुत्री
नवरात्र का शुभारंभ माता शैलपुत्री की उपासना से प्रारंभ हो गयी. मां के प्रथम स्वरूप का ध्यान हमें दिव्य-चेतना का बोध कराती है. शहर से लेकर गांव तक के मंदिरों में मां का पूजन करने वाले श्रद्धालुओं में काफी उत्साह नजर आया. बताया जाता है कि माता शैलपुत्री का श्वेत-स्वरूप हमें कलुषित जीवन से मुक्ति प्रदान करते हुए पवित्र जीवन जीने की कला सिखाती है. मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल हमारे पापों व अवगुणों का नाश करके कठिन संघर्षो में भी आशा-विश्वास बनाए रखने की प्रेरणा देता है.
——————————————————————————-मुख्य दरवाले पर श्रद्धालुओं ने की मां चंडी की पूजा
फोटो कैप्शन – 14. मुख्य गेट पर श्रद्धालुओं ने की मां चंडी की पूजामुंगेर . शारदीय नवरात्र पर सोमवार को माता चंडी के भक्तों को बाढ़ के कारण बंद मुख्य दरवाले पर से ही मां चंडी की पूजा-अर्चना करनी पड़ी. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने द्वार से माता की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. पहली पूजा पर चंडिका स्थान में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी. लेकिन मंदिर के गर्भगृह व रास्ते में बाढ़ का पानी होने कारण न सिर्फ गर्भगृह को बंद कर दिया गया, बल्कि मुख्य गेट को भी बंद कर दिया गया है. ताकि कोई भी श्रद्धालु अंदर प्रवेश नहीं कर सके. क्योंकि अंदर पानी भरे रहने से अनहोनी की आशंका है. मुख्य दरवाजा बंद रहने से श्रद्धालुओं के चेहरे पर मायूसी देखी गयी.—————————————
कासिम बाजार दुर्गा मंदिर से निकली कलश शोभायात्रा
फोटो कैप्शन – 15. कलश शोभा यात्रा में शामिल युवती मुंगेर. नवरात्र के पहली पूजा पर सोमवार को शहर से लेकर गांव तक दुर्गा मंदिरों से भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गयी. शहर के कासिम बाजार दुर्गा मंदिर मंदिर से गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश शोभायात्रा निकली. बड़ी संख्या में कुंवारी कन्या सहित युवतियों व महिलाओं ने माथे पर कलश लेकर मंदिर से निकली. मनियाचौराहा, मकससपुर, बीचागांव, चुआबाग होते हुए कासिम बाजार मंदिर प्रांगन में पहुंच कर शोभायात्रा संपन्न हुई. विधि विधान और देवी मंत्रोच्चारण के साथ कलश को मंदिर में स्थापित किया गया. कलश शोभायात्रा के साथ-साथ देवी-देवताओं की झांकी भी निकाली गयी. साथ ही देश भक्ति आधारित झांकी भी थी. शोभा यात्रा के आगे-आगे अश्वरोही दल था. भक्ति धुन पर लोग थिरक रहे थे. कलश शोभा यात्रा के साथ ही भक्तिपूर्ण झांकी व राष्ट्र भक्ति पर आधारित झांकी देखने के लिए लोगों की भीड़ रास्ते में लगी रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
