मनुष्य के जीने का ढंग बदल गया व व्यक्ति आत्म सुख तत्व से ग्रस्त हो बन गया स्वार्थी : पुरोधा प्रमुख

7 से 9 मार्च तक तीन दिवसीय विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन का होगा आयोजन.

By Prabhat Khabar News Desk | February 28, 2025 11:09 PM

जमालपुर. आनंद मार्ग प्रचारक संघ का 7 से 9 मार्च तक तीन दिवसीय विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन का आयोजन होगा. जिसे संबोधित करने के लिए आनंद मार्ग के पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्व देवानंद अवधूत बाबा नगर जमालपुर पहुंच गए हैं. अमझर आनंद संभूति मास्टर यूनिट में होने वाले धर्म महासम्मेलन में शामिल होने पहुंचे पुरोधा प्रमुख का आनंदमार्गियों ने भव्य रूप से स्वागत किया. पुरोधा प्रमुख ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा कीर्तन करने क आवाह्न किया. उन्होंने कहा कि बाबा नाम केवलम अनन्य भाव का कीर्तन है. कीर्तन करने से जल वस्तु से मन ऊपर उठ सकता है. पुराना प्रमुख ने कहा कि जार वास्तु के प्रति अत्यधिक आकर्षण के कारण अवसाद रोग का जन्म होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारतीय जनसंख्या का लगभग 5% करीब 6 करोड लोग अवसाद रोग से ग्रस्त हैं. अवसाद रोग के कारण की चर्चा करते हुए पुरोधा प्रमुख ने कहा कि मनुष्य के जीवन का ढंग बदल गया. व्यक्ति आत्म, सुख, तत्व से ग्रस्त हो स्वार्थी हो गया है. आर्थिक विषमता के कारण समाज बिखर गया है. स्वतंत्रता की आड़ में युवक युवतियों चारित्रिक पतन की ओर उन्मुख हो रहे हैं और अंततः हताश निराश हो अवसाद ग्रस्त हो रहे हैं. अवसाद अके मुख्य पांच कारण की चर्चा करते हुए उन्होंने पतंजलि योग सूत्र चैप्टर 2, 3 का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि मनुष्य अज्ञानता अहंकार आशक्ति, विरक्ति और मृत्यु के भय से ग्रस्त है. अवसाद से मुक्ति के लिए अष्टांग योग का अभ्यास आवश्यक है. अष्टांग योग के अभ्यास से अंत स्रावी ग्रंथियां का रस स्राव अर्थात हारमोंस संतुलित हो जाता है. जिसके फलस्वरूप विवेक का जागरण होता है और मनुष्य का जीवन आनंद से भर उठता है. मनुष्य के खुशहाल रहने का गुप्त रहस्य अष्टांग योग में छुपा हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है