Madhubani News : प्लास्टिक मुक्त बनाने में मधुबनी जिले का गांव बना रोल मॉडल

पर्यावरण के लिए भारी नुकसान का कारण बने प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए गांवों में भी परेशानी बढ़ गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 16, 2025 11:22 PM

मधुबनी

. पर्यावरण के लिए भारी नुकसान का कारण बने प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए गांवों में भी परेशानी बढ़ गयी थी. प्लास्टिक कचरा ग्रामीणों के लिए संकट का कारण बनता जा रहा था, लेकिन अब इस गंभीर समस्या से निपटने में मधुबनी जिले का गांव रोल मॉडल बनकर सामने आया है. स्वच्छ शहरों की तरह मधुबनी का गांव भी प्लास्टिक कचरे से मुक्त हो रहा है, जहां प्लास्टिक का उचित निपटान भी हो रहा है और इससे कमाई भी. गट्टे बनाकर उद्योगों को अच्छे दर पर बेचा जा रहा है. दस से लेकर बीस हजार की आबादी वाले गांव स्वच्छ शहर का तमगा हासिल कर चुका है. वहीं, स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य व कई नवाचार गांवों में किया जा रहा है. यही कारण है कि जिलेभर से 11 हजार 283 किलो प्लास्टिक कचरे की बिक्री कर दिसंबर 2024 तक 10 लाख 7 हजार 961 रुपये की आय भी हो चुकी है. मधुबनी का डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व वेस्ट मैनेजमेंट एक मॉडल बन गया है. वेस्ट मैनेजमेंट की कड़ी में कचरे में निकलने वाले प्लास्टिक की प्रोसेसिंग के लिए प्रखंड स्तर पर यूनिट की स्थापना की गयी है. इससे प्लास्टिक का उचित निपटान हो रहा है और पंचायत को अच्छी आमदनी भी.

प्लास्टिक कचरे के निपटान को लेकर सुर्खियों में है मधुबनी

स्वच्छता कर्मियों ने शहर को न सिर्फ प्लास्टिक कचरे से मुक्त कर रहे है, बल्कि प्रोसेसिंग के बाद बिक्री से पंचायत को अच्छी आय भी हो रही है. विदित हो कि प्लास्टिक की पन्नी जहां कबाड़ के रूप में महज 2 से 3 रुपए प्रति किलो बिकती थी, अब 12 रुपये किलो बिक रहा है. बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट के कारण शहरों की तरह गांव को भी प्लास्टिक कचरे से मुक्ति मिल रही है. प्लास्टिक कचरा भी आय का जरिया बन गया है.

कचरे में मिले प्लास्टिक से गट्टे हो रहे तैयार

डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के माध्यम से प्रतिदिन प्लास्टिक संग्रहित होती है. इसे प्रोसेस कर रिसाइकलिंग उद्योग के लिए कश्चे माल के रूप में तैयार किया जाता है. सभी प्रखंड स्थित सेंटर में प्लास्टिक का गट्टा बनाने की यूनिट स्थापित की गयी है. इससे प्लास्टिक का गट्टा बनाकर प्लास्टिक उद्योगों को अच्छे दर पर बेचा जा रहा है. इसके साथ ही ऐसे प्लास्टिक जिसकी रिसाइकलिंग किया जाना संभव नहीं है, उसे हाइड्रोलिक बिलिंग मशीन से कंप्रेस कर आरडीएफ के रूप में सीमेंट प्लांट में बेच दिया जाता है.

सड़कों की मरम्मत में भी उपयोग हो रहा प्लास्टिक

शहरी क्षेत्र में किए जाने वाले सड़क निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग की जाने लगी है. शहरी क्षेत्र में कई स्थानों पर सड़कों की मरम्मत व निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग किया गया है. इससे गांव प्लास्टिक कचरे से मुक्त हो रही है. वहीं ग्राम पंचायत को अच्छी आमदनी भी हो रही है.

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