Madhubani News : गाजर घास से बचाव करने के गुर बताये
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र झंझारपुर ने बुधवार को गाजर घास जागरूकता दिवस मनाया गया.
झंझारपुर. क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र झंझारपुर ने बुधवार को गाजर घास जागरूकता दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार के नेतृत्व में वैज्ञानिक, कर्मचारी और ग्रामीण सदस्यों ने भाग लिया. वक्ताओं ने कहा कि गाजर घास हानिकारक खरपतवार है, यह खाद्यान्न बीज के साथ भारत में आया था और अब देश के सभी राज्यों में फैल गया है. कहा कि गाजर घास फसलों के विकास को रोकती है और उत्पादन में कमी लाती है. यह मक्का, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली और कपास जैसी फसलों को भी प्रभावित करती है. उन्होंने कहा कि गाजर घास के संपर्क में आने से मानव को चर्म रोग, अस्थमा और अन्य एलर्जी संबंधी समस्याएं हो सकती है. कहा कि पशु स्वास्थ्य पर प्रभाव भी गाजर घास के सेवन से पशुओं में चकत्ते, बाल झड़ना और दूध में कसैलापन जैसी समस्याएं हो सकती है. उन्होंने कहा कि गाजर घास के प्रति जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है. ताकि लोग इसके हानिकारक प्रभावों को समझ सके. इसके नियंत्रण के लिए उचित कदम उठा सके. क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र झंझारपुर जैसे संस्थान गाजर घास जागरूकता दिवस मनाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है. कहा कि गाजर घास को नियंत्रित करने के लिए जैविक, रासायनिक और मैनुअल तरीकों का उपयोग किया जा सकता है. लोगों को जागरूक करके और उचित कदम उठाकर गाजर घास के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
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