बिहार के इन जिलों में जमीन खरीद-बिक्री से ब्लैक मनी का खेल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में हुआ खुलासा

Bihar News: बिहार के सीमावर्ती जिलों में जमीन खरीद-बिक्री के जरिए बड़े पैमाने पर काले धन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में सामने आया है कि कई रजिस्ट्री कार्यालयों की मिलीभगत से टैक्स चोरी भी की जा रही है. विभाग ने अब इन संदिग्ध सौदों की जांच शुरू कर दी है.

By JayshreeAnand | September 19, 2025 10:20 AM

Bihar News: आयकर विभाग ने हाल ही में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी और सीतामढ़ी जिलों के कई अवर निबंधन कार्यालयों में सर्वे किया. इस जांच में यह पाया गया कि जमीन की रजिस्ट्री में भारी गड़बड़ी की जा रही है. कई जगहों पर अमान्य या डुप्लीकेट पैन नंबर का इस्तेमाल हुआ है. वहीं, बड़ी रकम वाले सौदों में पैन नंबर और फॉर्म 60 तक का इस्तेमाल नहीं किया गया.

रजिस्ट्री की जानकारी नहीं मिली विभाग को

जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि 30 लाख रुपये से अधिक की जमीन खरीद-बिक्री की जानकारी आयकर विभाग को उपलब्ध ही नहीं कराई गई. जबकि नियम के मुताबिक इतनी बड़ी राशि वाले हर सौदे की जानकारी एसएफटी (स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन) के जरिए विभाग को देनी जरूरी है.

ब्लैक मनी का हो रहा इस्तेमाल

इतना ही नहीं, विभाग ने यह भी पाया कि 10 से 20 लाख रुपये तक के सौदों में पैन नंबर या फॉर्म 60 अंकित नहीं था. इससे साफ है कि टैक्स चोरी और काले धन के इस्तेमाल की कोशिश की गई. कई मामलों में तो दो लाख रुपये से अधिक की रकम नकद दी गई, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है.

नकेल कसने की तैयारी में जुटा आयकर विभाग

आयकर विभाग ने इन संदिग्ध सौदों में शामिल निबंधन कार्यालयों और जमीन खरीदने-बेचने वालों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. विभाग अब सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रहा है. अगर दोष साबित हुआ तो संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले से साफ है कि सीमावर्ती जिलों में जमीन का कारोबार काले धन को छिपाने का बड़ा जरिया बन गया है. आयकर विभाग अब इस पर नकेल कसने की तैयारी में जुट गया है, ताकि टैक्स चोरी और अवैध लेन-देन पर रोक लगाई जा सके.

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