Madhubani News : बाढ़ पूर्व तैयारी की व्यापक समीक्षा, प्रभारी मंत्री ने दिया हर स्तर पर तैयार रहने का निर्देश

डीआरडीए सभागार में बैठक कर संभावित बाढ़, सुखाड़ की पूर्व तैयारी डॉ. आंबेडकर समग्र सेवा अभियान, महिला संवाद आदि की समीक्षा की.

By GAJENDRA KUMAR | June 4, 2025 10:07 PM

मधुबनी.

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग सह प्रभारी मंत्री लेशी सिंह ने डीआरडीए सभागार में बैठक कर संभावित बाढ़, सुखाड़ की पूर्व तैयारी डॉ. आंबेडकर समग्र सेवा अभियान, महिला संवाद आदि की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़, सुखाड़ के प्रभाव को कम से कम करने को लेकर सरकार दृढ संकल्पित है. उन्होंने कहा कि बाढ़, सुखाड़ जैसी आपदा की स्थिति उत्पन्न होने पर ससमय पीड़ितों को राहत उपलब्ध कराए जाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ लगातार प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने निर्देश दिया कि बाढ़, सुखाड़ दोनों ही स्थिति में वैकल्पिक फसल योजना के लिए पूरी तैयारी अविलंब कर लें. इसके पूर्व जिलाधिकारी, आनंद शर्मा ने जिले में अबतक की गयी संभावित बाढ़, सुखाड़ की पूर्व तैयारी के संबंध में जानकारी दी. बताया कि मधुबनी जिला पारंपरिक रूप से आपदा के प्रति संवेदनशील जिला रहा है. लगभग 18 नदियों व उसकी सहायक नदियां जिले से गुजरती हैं. जिले की महत्वपूर्ण नदियों के जलस्तर प्रतिदिन प्रति तीन घंटे पर ली जा रही है. अप्रैल माह में सामान्य वर्षापात से 167 प्रतिशत अधिक एवं मई माह में सामान्य से 66 प्रतिशत वर्षा कम हुई है. कम वर्ष की स्थिति में जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि नहरों के अंतिम छोर तक पानी पंहुचाएं,ताकि, किसानों को रोपनी के लिए सिंचाई की दिक्कत न हो.

जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कुल 4 योजनाओं में से 2 योजनाएं पूर्ण कर ली गयी है, शेष के 2 का कार्य अंतिम चरण में हैं. जिले में संभावित बाढ़ के दृष्टिकोण से सरकारी नाव की मरम्मत तेजी से की जा रही है. निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा भी किया जा रहा है. अनुग्रहिक राहत के भुगतान के लिए परिवारों के आधार सीडिंग को अद्यतन करने का काम पूरा कर लिया गया है. इसकी सूची को अपडेट किया जा रहा है. साथ ही बाढ़ आश्रय स्थल की पहचान कर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है.

साधारण बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 223 शिविरों की पहचान की गई है, जिसमे 89607 लोगो की ठहरने की व्यवस्था है. इन सब के लिए सामुदायिक रसोई के लिए 217 स्थानों को भी चिन्हित किया गया है. जिसमें रोजाना कुल 86112 लोग भोजन प्राप्त कर सकते हैं. सभी चिह्नित बाढ़ आश्रय स्थलों का भौतिक सत्यापन का कार्य किया जा रहा है. उन जगहों पर पेयजल , शौचालय आदि का आकलन किया जा रहा है.

प्रभारी मंत्री ने भवन विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया तेजी से निर्माण कार्य पूर्ण करें. अत्याधिक बाढ़ प्रभावित वाले प्रखंडों यथा मधेपुर फुलपरास घोघरडीहा, बिस्फी, मधवापुर, बेनीपट्टी एवं लौकीही में वोट एम्बुलेंस के लिए मेडिकल टीम का गठन कर लिया गया है. जिले में पेयजल आपूर्ति के मद्देनजर कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल मधुबनी एवं लोक स्वास्थ्य प्रमंडल झंझारपुर की ओर से कुल 3773 चापाकल की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. बंद चापाकलों की सूचना प्राप्त होने पर उनकी मरम्मत सुनिश्चित की जाती है. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि आकस्मिक फसल योजना बनायी जा रही है.

प्रभारी मंत्री ने महिला संवाद कार्यक्रम की समीक्षा के क्रम में कहा कि सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं को और भी प्रभावी बनाने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप समाधान के लिये राज्य सरकार द्वारा महिला संवाद का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संवाद कार्यक्रम में जिले के ग्रामीण क्षेत्र की सभी महिलाएं भाग ले रही हैं. डॉक्टर अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत विशेष विकास शिविर कार्यक्रम का भी समीक्षा किया गया. समीक्षा के क्रम में जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक कुल 1803 टोला में शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें कुल 22 लोक कल्याणकारी योजनाओं से वंचित 115871 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है. बैठक में एमएलसी घनश्याम ठाकुर, विधायक अरुण शंकर प्रसाद, रामप्रीत पासवान, जिला परिषद अध्यक्षा बिंदु गुलाब यादव, जिले के प्रभारी सचिव सह सचिव,नगरविकास एवं आवास विभाग अभय कुमार सिंह,जिलाधिकारी आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार, मेयर, अरुण राय, प्रभारी उप विकास आयुक्त नीरज कुमार, अपर समाहर्ता राजेश कुमार, अपर समाहर्ता आपदा संतोष कुमार, डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी, परिमल कुमार सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

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