Madhubani News : चलू चलू बहिना हकार पुरै लय, टुन्नी दाई के वर अयलनि टेमी…

नवविवाहिताओं के घुटने पर टेमी दागने की रस्म के साथ रविवार को मिथिला के प्रसिद्ध लोकपर्व मधुश्रावणी समापन हो गया.

By GAJENDRA KUMAR | July 27, 2025 10:12 PM

मधुबनी. नवविवाहिताओं के घुटने पर टेमी दागने की रस्म के साथ रविवार को मिथिला के प्रसिद्ध लोकपर्व मधुश्रावणी समापन हो गया. मिथिला के घर-घर से मंगलवार से निकल रही सखि कचि झारि क”””” सोहागक सूर अयला हय, पिया सिंदूर लयला हय, चलू-चलू बहिना हकार पुरै लय टुन्नी दाई के वर अयलनि टेमी दागै लय जैसे गीतों की मधुर आवाज नवविवाहिताओं के मधुर पर्व मधुश्रावणी में चार-चांद लगा रहा था. मिथिला की नवविवाहिताएं अपने अखंड सौभाग्य के लिए सावन माह के कृष्ण पक्ष की पंचवी तिथि से शुक्ल पक्ष की तृतिया तक मधुश्रावणी पर्व मनाती है. 14 दिनों तक चलने वाले मधुश्रावणी पर्व का समापन रविवार को हो गया. मधुश्रावणी पर्व को लेकर नवविवाहिताओं में गजब का उत्साह दिख रहा था. नवविवाहिताएं सुबह उठकर जुट गयी पर्व की तैयारी में. नित्यक्रिया से निवृत्त होकर नवविवाहिताओं ने ससुराल से आये वस्त्र व आभूषण धारण कर बैठ गयी पूजा पर. नाग देवता, शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करने के बाद सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी. मिथिला में ऐसा विश्वास किया जाता है कि मधुश्रावणी पर्व के दौरान निष्ठापूर्वक नाग देवता व शिव-पार्वती की आराधना करने वाली नवविवाहिताओं का सौभग्य सदा अखंड रहता है. उनके पति की आयु लंबी होती है. इसी भावना से मिथिला की नवविवाहिताएं सदियों से मधुश्रावणी का पर्व मनाती आ रही है. पूजा-अर्चना के बाद नवविहित वर ने नवविवाहिताओं के घुटने पर टेमी दागकर पर्व की रस्म पूरी की. ऐसा विश्वास किया जाता है टेमी दागने से जितने बड़े फफोले नवविवाहिताओं के घुटने पर निकलेगी उतनी ही लंबी उनके पति की आयु होगी. मधुश्रावणी की रस्म पूरा होने के बाद सौभाग्यवती महिलाओं को ससुराल से आये भोजन सामग्री ग्रहण कराया गया.

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