जागरूकता कार्यक्रम में फाइलेरिया से बचाव की दी गयी जानकारी
जागरूकता कार्यक्रम में फाइलेरिया से बचाव की दी गयी जानकारी
आलमनगर. फाइलेरिया मुक्त अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम नगर पंचायत के वार्ड संख्या 13 में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गयी. यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग व पीरामल फाउंडेशन के संयुक्त अभियान के तहत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता वार्ड पार्षद निशा मिश्रा ने किया व पात्र लाभार्थियों को विकलांगता प्रमाणपत्र वितरित किया गया. मौके पर पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर त्रिलोक मिश्रा व पीओसीडी रामबलभ कुमार आदि उपस्थित थे. इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कार्यकर्ता व स्थानीय समुदाय के सदस्य भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में शामिल हुये. कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों ने फाइलेरिया बीमारी के कारण, लक्षण व बचाव की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी संक्रमण है, जो मच्छर के काटने से फैलता है. यह संक्रमण शरीर के लसीका तंत्र को प्रभावित करता है, इससे पैरों, हाथों या शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन हो सकती है. यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए, तो यह आजीवन विकलांगता का कारण बन सकता है. स्वास्थ्य कर्मियों ने लोगों को बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए डीईसी दवा का सेवन आवश्यक है, जो सरकार द्वारा निःशुल्क दी जाती है. इसके साथ ही मच्छरदानी का उपयोग करने, घर व आसपास साफ-सफाई रखने, नालियों की सफाई करने तथा गंदे पानी का जमाव रोकने की सलाह दी गयी. वार्ड पार्षद निशा मिश्र ने कहा कि आलमनगर नगर पंचायत को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए समुदाय का सहयोग सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य केवल बीमारी का उन्मूलन नहीं, बल्कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व स्वच्छता की आदत को बढ़ावा देना भी है. उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे दवा का सेवन करें, स्वास्थ्यकर्मियों के निर्देशों का पालन करें व अपने परिवार तथा पड़ोस को सुरक्षित रखें. आशा को निर्देश दिये गये कि वे घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव, दवा सेवन व एमएमडीपी किट के उपयोग के बारे में जागरूक करें.
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