भ्रष्टाचार मुक्त प्रखंड बनाने को लेकर दिया धरना
भ्रष्टाचार मुक्त प्रखंड बनाने को लेकर दिया धरना
शंकरपुर. संयुक्त संघर्ष समिति शंकरपुर के तत्वावधान में सोवमार को भ्रष्टाचार मुक्त प्रखंड बनाने को लेकर धरना दिया गया, जिसका नेतृत्व प्रमुख स्मिता आनंद ने किया. धरना में प्रखंड मुख्यालय के सभी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चर्चा की गयी. इस पर रोक लगाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. प्रमुख ने कहा कि भारत में सरकारी तंत्र व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए बनाया गया एक कानून है. यह अधिनियम लोक सेवकों द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के अपराधों से संबंधित है एवं इसमें रिश्वतखोरी, आपराधिक कदाचार और अन्य संबंधित अपराध शामिल है. बैठक में आमजन व जनप्रतिनिधि के राय में सर्वप्रथम वर्तमान अंचलाधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. यह स्पष्ट हुआ कि अंचल में बैगेर घुस के कोई भी कार्य नहीं होता है. घुस लेने के उद्देश्य से कार्य को लंबित रखते हैं. ऐसे अंचलाधिकारी के स्थानांतरण के लिए प्रदर्शन किया जाय. साथ ही बिना कमीशन के कोई भी कार्य जनहित या व्यक्तिगत संभव नहीं होता है. विरोध प्रदर्शन में सभी जनप्रतिनिधियों व आमजनों ने अंचलाधिकारी पर कार्रवाई के साथ-साथ स्थानांतरण कि भी बात कही. प्रमुख प्रतिनिधि विवेक कुमार ने कहा कि प्रखंड के सभी कार्यालय में भ्रष्ट पदाधिकारी एवं कर्मचारी को भ्रष्टाचार छोड़ना होगा. साथ ही शंकरपुर को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जायेगा. जनप्रतिनिधियों ने प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, मनरेगा कार्यालय, आपूर्ति, आईसीडीएस, कृषि सहित अन्य कार्यालयों के द्वारा पल बढ़ रहे बिचौलियों को प्रखंड परिसर में घुसने नहीं देना है. इसको लेकर आमजन व जनप्रतिनिधि ने नारेबाजी की. धरना करीब छह घंटे तक चला. इसमें प्रखंड क्षेत्र से हजारों की संख्या में आमलोग पहुंचे थे. विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रखंड क्षेत्र के कजरा निवासी रूवेदा खातून ने बताया कि तमाम जनप्रतिनिधि से सीओ को कहवाने के बावजूद एक लाख रुपये का म्यूटेशन के नाम पर मांग कर रहे हैं. राजद प्रखंड अध्यक्ष किशोर कुमार ने कहा कि सीओ कोई भी जनप्रतिनिधि का मान-सम्मान नहीं करते हैं. बेहरारी निवासी सुरेंद्र मंडल ने कहा कि सीओ काम के एवज में 10 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं. कौशल दास ने कहा कि सीओ काम के एवज में 50 हजार रुपये लिये. कोल्हुआ निवासी अशोक ठाकुर ने कहा कि भूमिहीनों को पर्चा मिला है, लेकिन अंचल के द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराया गया है. मुखिया प्रतिनिधि पारसमणी आजाद ने बताया कि पदाधिकारी के द्वारा मनरेगा में खुलेआम चार प्रतिशत की मांग की जा रही है. मौजमा निवासी गणेश ऋषिदेव ने कहा कि 16 आदमी को बासगीत पर्चा मिला, लेकिन जमीन दिलाने के नाम पर 50 हजार रुपये का डिमांड किया जा रहा है. बेबी देवी ने बिजली में सुधार का मांग किया. अन्य कई जनप्रतिनिधि व आमजन ने कई गंभीर आरोप लगाया. इसके बाद सभी जनप्रतिनिधि व ग्रामीण ने नौ सूत्री मांग बीडीओ को सौंपा. मांगों में सीओ का स्थानांतरण, मनरेगा कार्यालय में लूट घसौट कमीशन नहीं देने पर प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दिया जाता है. आइसीडीएस कार्यालय के द्वारा प्रत्येक केंद्र से दो-दो हजार रुपये का अवैध वसूली, डीलर के द्वारा प्रत्येक लाभुकों को कम अनाज, राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन,जाती आवासीय आय के बनाने के नाम पर अवैध वसूली, शंकरपुर प्रखंड मुख्यालय के सड़क निर्माण की मांग, बिजली आपूर्ति में सुधार, किसानों के लिए मंडी की व्यवस्था किया जाय. मौके पर पसंस चांदनी कुमारी, मुखिया बिरेंद्र शर्मा, पूर्व मुखिया शिवनारायण मेहता, देवेंद्र यादव, चंद्रेश्वरी राम, मनोज कुमार, शशिकुमार भारती, अशोक कुमार, पसंस प्रतिनिधि सुनील कुमार, मुखिया राधेश्याम शर्मा,अर्जुन यादव, भागवत यादव, सज्जन कुमार, दुर्गेश यादव, महेंद्र ऋषिदेव, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष धीरेंद्र साह आदि उपस्थित थे.
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