मधेपुरा में खुलेगा केंद्रीय विद्यालय, रंगकर्मियों ने जताई खुशी
मधेपुरा में खुलेगा केंद्रीय विद्यालय, रंगकर्मियों ने जताई खुशी
प्रधानमंत्री की घोषणा से जिले में शिक्षा को मिली नयी पहचान
नाटक शिक्षक की बहाली की उठी मांग, रचनात्मक विकास पर दिया जोर
मधेपुरा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार के 16 जिलों में 19 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा की गयी है, जिसमें मधेपुरा भी शामिल है. यह जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इसे शिक्षा के क्षेत्र में मधेपुरा के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. केंद्र सरकार की कैबिनेट से इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुकी है.गौरतलब है कि जिले में लंबे समय से केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की जा रही थी. नवाचार रंग मंडल के बैनर तले रंगकर्मियों ने तत्कालीन जिलाधिकारी मो सोहेल को ज्ञापन सौंपकर केंद्र और राज्य सरकार से इस दिशा में पहल करने की अपील की थी. अब जब प्रधानमंत्री द्वारा इसकी घोषणा की गयी है, तो जिले के रंगकर्मियों में खुशी की लहर है.
रंगकर्मियों राकेश कुमार डब्ल्यू, संजय परमार, सुनीत साना, मिथुन कुमार गुप्ता, दिलखुश कुमार, अमित अंशु, अमित आनंद, आदित्य कुमार बिट्ट, बिनोद केसरी, आदित्य कुमार, सुमित कुमार, कार्तिक कुमार, सावन कुमार, बमबम कुमार, सुमन कुमार, मो. इमरान, गौतम कुमार, मो. मेहराज, मो. अफजल, कुंदन कुमार, धर्मेंद्र साह, आदिल कुमार गुप्ता, शंकर कुमार, विक्की विनायक सहित अन्य लोगों ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है.साथ ही उन्होंने विद्यालयों में नाटक शिक्षक की बहाली की मांग भी जोरदार तरीके से उठाई है. उनका कहना है कि नाटक बच्चों की रचनात्मक सोच और कल्पनाशक्ति को विकसित करता है. अभिनय से आत्मविश्वास बढ़ता है, संवाद कौशल और अभिव्यक्ति क्षमता में सुधार होता है, साथ ही सहयोग और टीम भावना का भी विकास होता है. रंगकर्मियों ने कहा कि नाटक बच्चों को विभिन्न संस्कृतियों से जोड़ता है, तनाव कम करता है और समस्या समाधान जैसी महत्वपूर्ण क्षमताएं विकसित करता है. इसलिए यह आवश्यक है कि केंद्रीय विद्यालयों में नाटक को भी एक शैक्षिक माध्यम के रूप में स्थान दिया जाए व इसके लिए प्रशिक्षित नाटक शिक्षकों की बहाली की जाए. शिक्षा के इस नए आयाम को लेकर मधेपुरा के लोग आशावादी हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्रीय विद्यालय के माध्यम से जिले के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ रचनात्मक विकास का भी अवसर मिलेगा.
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