बाढ़ : पानी से घिरे दियारा क्षेत्र के कई गांव, दशहत

बाढ़ की विभीषिका बड़हिया व पिपरिया दियारा के अलावा सदर प्रखंड के विभिन्न गांवों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है

By Rajeev Murarai Sinha Sinha | August 9, 2025 9:53 PM

लखीसराय.

बाढ़ की विभीषिका बड़हिया व पिपरिया दियारा के अलावा सदर प्रखंड के विभिन्न गांवों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. सदर प्रखंड के कई गांवों के संपर्क पथ को बाढ़ के पानी ने भंग कर दिया है. सदर प्रखंड के साबिकपुर सामनडीह व दामोदरपुर के अलावा गढ़ी बिशनपुर के रेहुआ गांव की सड़क पर पानी आ जाने से लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. लोग घुटने भर पानी में घुसकर अपने गांव पहुंच रहे हैं. कहीं-कहीं सड़क भी लोगों को दिखायी नहीं दे रही है. एक तरफ किऊल नदी तो दूसरी तरफ हरूहर नदी ने तबाही मचा रखी है. सदर प्रखंड की अमहरा पंचायत के विभिन्न गांव पहुंचने के लिए रेल अंडरपास में पानी प्रवेश करने के कारण रेलवे लाइन को पार कर जाना पड़ता है. रेल लाइन पार करने में बच्चे बूढ़े व महिलाओं को हाई लेवल का रिस्क लेना पड़ रहा है. मुख्यालय से निकटवर्ती गांव बालगुदर गांव को हरूहर नदी के पानी ने घेर लिया है. इस गांव के एक टोला के लोगों का रास्ता बाधित हो गया है. चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है. कई शिक्षण संस्थान को पानी ने घेरा: कई शिक्षण संस्थान को बाढ़ के पानी ने घेर चुका है. सदर प्रखंड के सेंट्रल स्कूल की दीवार को छूकर किऊल नदी की धारा चल रही है. वहीं किशनपुर गांव के पीछे बना आइटीआइ कॉलेज के चारों ओर से पानी फैल चुका है. कॉलेज तक पहुंचना मुश्किल है. वहीं पिपरिया दियारा व बड़हिया के टॉल क्षेत्र में गंगा व किऊल नदी के पानी के प्रवेश करने से अगले आदेश तक अवकाश घोषित कर दिया गया है. वहीं गंगा तट के गांव के लोगों के लिए एलर्ट जारी किया गया है. एसडीओ प्रभाकर कुमार ने बताया कि गंगा किनारे बड़हिया एवं पिपरिया प्रखंड के गंगा तट के लोगों को गंगा की ओर नहीं जाने एवं किसी तरह की गतिविधियां नहीं करने का अलर्ट जारी किया गया है. गंगा का पानी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है.

पशुचारा के लिए पशुपालकों की बढ़ी मुश्किलें

बाढ़ से सबसे अधिक पशुचारा के लिए पशुपालक की मुश्किल बढ़ जाती है. पशुपालक को गहरे पानी घुसकर पशु चारा लाना पड़ता है. रास्ता डूबे होने के कारण घोड़े पर या सिर पर रखकर पशु चारा लाना पड़ता है. दियारा के कई पशुपालक अपने पशुओं के साथ ऊंचे स्थान की ओर भी पलायन कर रहे हैं. पशुओं की दूध की बिक्री करना मुश्किल हो जाता है. 50 से 60 रुपये प्रति लीटर दूध 30 से 40 रुपये प्रति लीटर बेचना पड़ रहा है. कुछ पशुपालक तो किऊल यार्ड के नीचे भी बाद के पानी आ जाने से शरणागत हो जाते हैं. फिलहाल पथुआ, कन्हरपुर, रामचंद्रपुर, वलीपुर के पशुपालक की हालत ठीक नहीं है.

बोले अधिकारी

जिला प्रभारी आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि पशुपालकों के लिए पिपरिया दियारा में सूखा चारा का वितरण किया जा रहा है. दो ट्रक व दो पिकअप वाहन लोड कर चारा भेजा गया. गंगा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर चल रही है. किऊल हरूहर नदी का पानी स्थिर हुआ है, रात से पानी घटने की उम्मीद है.

बाढ़ प्रभावित पिपरिया प्रखंड में चार ट्रक पशुचारा का वितरण

सूर्यगढ़ा.

बाढ़ प्रभावित पिपरिया प्रखंड में प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया गया है. शनिवार को रामचंद्रपुर, वलीपुर, मोहनपुर एवं मुरवरिया गांव में पशुपालकों के बीच कुल चार ट्रक पशु चारा का वितरण किया गया. उक्त आशय की जानकारी अंचलाधिकारी प्रवीण अनुरंजन ने दी. इधर, बाढ़ प्रभावित पिपरिया प्रखंड में लोगों की मुश्किल है कम होती नहीं नजर आ रही है. प्रशासन द्वारा यहां 16 नाव का परिचालन किया जा रहा है ताकि आवागमन में लोगों को परेशानी न हो. अंचलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए अभी राहत सामग्री उपलब्ध नहीं हुआ है.

पिपरिया अंचल कार्यालय को सैदपुरा गांव स्थित पंचायत सरकार भवन में किया शिफ्ट

सूर्यगढ़ा.

पिपरिया प्रखंड में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पिपरिया अंचल कार्यालय को सैदपुरा गांव स्थित पंचायत सरकार भवन में शिफ्ट कर दिया गया है. राजस्व अधिकारी जैनुल आबेदीन ने बताया कि पिपरिया प्रखंड क्षेत्र में सैदपुरा पंचायत को छोड़कर अन्य सभी पंचायत बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित है. लोग यहां नाव के सहारे ही आवागमन कर रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है