वर्ग 11वीं की वार्षिक परीक्षा में प्रश्न-पत्र की घोर कमी:संघ
जिला के केआरके प्लस टू उच्च विद्यालय में ली जा रही 11वीं वार्षिक परीक्षा में कुल छात्र की संख्या 418 है. जिसमें विज्ञान में 263 कला में 112 एवं वाणिज्य में 43 छात्राओं का नामांकित है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली जा रही परीक्षा लखीसराय. जिला के केआरके प्लस टू उच्च विद्यालय में ली जा रही 11वीं वार्षिक परीक्षा में कुल छात्र की संख्या 418 है. जिसमें विज्ञान में 263 कला में 112 एवं वाणिज्य में 43 छात्राओं का नामांकित है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जो प्रश्न पत्र दिया गया है. वह तीनों संकाय में काफी कम मात्रा में प्रश्न पत्र दिया गया है. जो इस बात को दर्शाता है कि विद्यालय के बच्चों का भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय सटा हुआ है फिर भी जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदय द्वारा किसी भी तरह का संज्ञान नहीं ली जा रही है. जो प्रश्न-चिन्ह खड़ा करता है. उपरोक्त बातें एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के जिलाध्यक्ष सह विद्यालय के छात्र के अभिभावक बबलू कुमार ने कही. सरकार ढिंढोरा पीटती है कि हम परीक्षा का आयोजन पारदर्शी और पूरी मुस्तैदी के साथ लेते हैं या बिल्कुल असत्य प्रतीत दिखाई दे रहा है. संघ के नेतृत्वकर्ता सह अभिभावक होने के कारण उन्होंने जब विद्यालय के प्राचार्य से बात किया तो उन्होंने साफ जवाब दिया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इतना ही प्रश्न पत्र दिया गया है. इसके बाद भी जब वे जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदय से बात किये तो उन्होंने कहा कि प्राचार्य के द्वारा प्रश्न पत्र का मांग ही काम किया गया होगा, तो अब कौन सत्य और कौन गलत है. इसका जांच वरीय पदाधिकारी स्वयं जांच किया जाय एवं दोषी पर कार्रवाई की जाय. इसकी वे सरकार से मांग करते हैं. वहीं इस संबंध में केआरके प्लस टू उच्च विद्यालय के प्राचार्य विनय कुमार ने बताया कि प्रश्न पत्र कम आया है. लगभग 40 प्रतिशत प्रश्न पत्र उन्हें कम प्राप्त हुआ था, जिसके बाद विभाग को सूचना को देने पर प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया गया, जिससे समस्या काफी हद तक हल कर समस्या का समाधान हुआ और परीक्षा ली गयी. वहीं इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने भी बताया कि वे प्रश्न पत्र की मांग नहीं करते हैं, स्कूल के मांग के आधार पर प्रश्न पत्र आता है. उन्होंने कहा कि कुछ विद्यालय में किसी कारणवश कम प्रश्नपत्र गया होगा. जिसकी जानकारी मिलने पर उसे दूर किया जाता है.
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