150 वर्ष पूरे होने प्रखंड क्षेत्र के विद्यालय में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के गायन
हर भारतीय के हृदय में बहने वाला भाव और अमर आत्मा का प्रतीक है.
ठाकुरगंज राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को प्रखंड के सभी प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालयों में इसका गायन किया गया. जिसमें शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने सामूहिक रूप से भाग लिया. ठाकुरगंज प्रखंड के मध्य विद्यालय चेंगमारी, उच्च विद्यालय लोधा, प्राथमिक विद्यालय कारगिल बस्ती के अलावे कई स्कुलो में वंदेमातरम का गायन हुआ . प्रार्थना के समय राष्ट्रीय गीत का गायन कर देशभक्ति और एकता का संदेश दिया गया. इस अवसर पर छात्रों को वंदे मातरम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई. मध्य विद्यालय चेंगमारी के प्रधानाचार्य कमल कुंडू ने बच्चो को कहा कि बंकिमचंद्र चटर्जी के द्वारा रचित यह गीत मातृभूमि की स्तुति का प्रतीक है, जो आज भी देशवासियों में जोश और गर्व का संचार करता है. वंदे मातरम का पहला श्लोक 1875 में अक्षय नवमी के पावन अवसर पर लिखा गया था. वही मध्य विद्यालय लोधा के प्रधानाचार्य कामख्या सिंह ने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि हर भारतीय के हृदय में बहने वाला भाव और अमर आत्मा का प्रतीक है. यह करोड़ों भारतीयों के हृदय में जोश, त्याग, समर्पण और देश प्रेम की ज्वाला प्रज्ज्वलित करता है . स्कुलो में बच्चों ने वंदे मातरम का गायन करते हुए देश की एकता और अखंडता बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की. संकल्प लिया कि जब भी मौका मिला देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देंगे .
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