अररिया-गलगलिया रेल परियोजना अंतिम चरण में
अररिया-गलगलिया रेल परियोजना अंतिम चरण में
ठाकुरगंज.
सीमांचल की तस्वीर बदलने का माद्दा रखने वाला 110.75 किलोमीटर लंबा अररिया-गलगलिया ब्रॉड गेज लाइन परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच गयी है. इसे चालू करने के लिए रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) के द्वारा वैधानिक निरीक्षण मंगलवार से शुरू कर दिया गया. पूर्वोतर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने उक्त जानकारी दी. कहा कि निरीक्षण व कमीशनिंग की प्रक्रिया दो दिन में संपन्न हो जायेगी. मालूम हो कि यह निरीक्षण इस रेल परियोजना के पूरा होने में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है, जिसका उद्देश्य बिहार और आसपास के क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी और परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करना है. शर्मा ने बताया कि सीआरएस प्राधिकरण प्राप्त होते ही, यह मार्ग सुरक्षित और पूर्ण ट्रेन परिचालन के लिए तैयार हो जायेगा.मंगलवार से शुरू हुआ निरीक्षण
सीआरएस के द्वारा अपनी पूरी टीम के साथ मंगलवार से शुरू इस निरीक्षण में पहले दिन पौवाखाली से बीबीगंज तक 17.94 किमी व दूसरे दिन बीबीगंज से बरदाहा तक ट्रॉली से जांच की गयी. इससे पहले ठाकुरगंज-अररिया नई रेल परियोजना का ट्रायल रन 16 जून 2025 को संपन्न हुआ था. इस दौरान जीएम कंस्ट्रक्शन अरुण कुमार चौधरी ने बुनियादी ढांचे के कार्यों की समग्र प्रगति की समीक्षा की थी. इस रूट पर ट्रॉयल ट्रेन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी थी.दो खंडों में पहले हो चुका है सीआरएस
बताते चलें कि मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा पिछले वर्ष ठाकुरगंज से पौआखाली के 23. 42 किलोमीटर रेल खंड का 29-30 अप्रैल को निरीक्षण किया था. 12 जून को पुन: हुए सीआरएस जांच के बाद इस रेलखंड पर ट्रेन परिचालन के लिए हरी झंडी दिखायी गयी. नवंबर माह में अररिया कोर्ट-रहमतपुर सेक्शन (3.95 किमी) और अररिया-रहमतपुर सेक्शन से वाई-कनेक्शन (4.292 किमी) को चालू करने की मंजूरी सीआरएस ने प्रदान की थी. 110.75 किमी लम्बे इस रेलखंड पर अबतक लगभग 31 किमी रेलखंड को स्वीकृति दी जा चुकी है. रहमतपुर-पौआखाली (79.27 किमी) का अंतिम सेक्शन अब चालू होने की प्रतीक्षा में है. जिससे संपूर्ण कॉरिडोर पूरा हो जाएगा.
सीआरएस निरीक्षण अब प्रक्रियाधीन है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक रणनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण रेलवे लाइन के पूरे हिस्से को परिचालन में लाया जायेगा. इससे यात्रियों, माल ढुलाई और क्षेत्रीय विकास को काफी लाभ होगा. बताते चले अररिया-गलगलिया परियोजना, एक प्रमुख बुनियादी संरचना पहल है. इस परियोजना में 64 बड़े पुल, 264 छोटे पुल और 15 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण शामिल है, जो इस परियोजना के इंजीनियरी पैमाने और जटिलता को रेखांकित करते है. ये घटक इस लाइन की परिचालनिक रीढ़ हैं, जो पूरे क्षेत्र में सुदृढ़ कनेक्टिविटी, सुरक्षा और सेवा दक्षता सुनिश्चित करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
