नकल के लिये अब नहीं लगाने होंगे चक्कर,आरसीएमएस पोर्टल पर हो रहा आदेश अपलोड

जिसकी नकल के लिये दोनों पक्षों के लोग अप्लाई करते हैं.

By RAJKISHORE SINGH | April 25, 2025 10:15 PM

मोबाइल का मामूली डाटा खर्च कर लोग आदेश कर सकेंगे डाउनलोड, नहीं खर्च करने पड़ेंगे रुपये

खगड़िया. भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में चले रहे भूमि विवाद एवं जमीन से संबंधित मामले में पारित आदेश मुफ्त में तथा बगैर कार्यालय के चक्कर लगाए प्राप्त कर सकेंगे. इन आदेश का नकल पाने के लिए न रिकॉर्ड रूम का चक्कर और न ही वकीलों या मुंशी के पीछे भागना पड़ेगा. बीते 1 अप्रैल 2025 से डीसीएलआर (उप समाहर्ता, भूमि सुधार) द्वारा पारित आदेशों को पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत आरसीएमएस (राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली) पोर्टल पर डिजिटल हस्ताक्षर के साथ अपलोड किया जा रहा है. जिसे अब कोई भी लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे ही मामूली डेटा खर्च पर आदेश देख सकते हैं.

अब 5 मिनट में आदेश की नकल

सदर डीसीएलआर श्वाती कुमारी ने बताया कि पारित आदेश को आरसीएमएस वेबसाइट पर डिजिटल साइन के साथ अपलोड किए जा रहे हैं. लोग अब घर बैठे जिला, अनुमंडल, वाद संख्या का उल्लेख करते हुए आदेश देख और डाउनलोड कर सकते हैं. इससे समय, पैसे और मेहनत की बचत होगी, साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी. विभागीय आंकड़ों के अनुसार सदर डीसीएलआर द्वारा प्रतिमाह औसतन 50-55 आदेश पारित किये जाते हैं. जिसकी नकल के लिये दोनों पक्षों के लोग अप्लाई करते हैं. नकल ऑन लाइन हो जाने के बाद कम से कम सौ लोगों को इसका फायदा होगा.

छेड़छाड़ की संभावना खत्म, बढ़ेगा जनता का विश्वास

जानकारों के अनुसार वेबसाइट पर डिजिटल साइन के साथ आदेश अपलोड होने से छेड़छाड़ या किसी भी प्रकार की हेराफेरी की संभावना समाप्त हो गई है. इससे न्यायिक आदेशों की प्रमाणिकता बनी रहेगी. लोगों का विश्वास प्रशासन पर और अधिक मजबूत होगा. डीसीएलआर ने बताया कि आरसीएमएस वेबसाइट पर जाकर कोई भी व्यक्ति जिला, अनुमंडल,केस का प्रकार और वाद संख्या दर्ज कर भूमि विवाद निराकरण अधिनियम, दाखिल-खारिज अपील वाद, बकास्त रैयतीकरण,मापी अपील, लगान निर्धारण तथा बटाईदार वाद से संबंधित आदेश को पढ़ और डाउनलोड कर सकेंगे.

कहते हैं डीसीएलआर

विभागीय आदेश के आलोक में बीते 1 अप्रैल 2025 से सभी पारित आदेशों को डिजिटल हस्ताक्षर के साथ विभागीय वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है. यह एक ऐसा कदम है जो न्याय को और अधिक सुलभ बनाता है. अब पांच मिनट में लोग आदेश पढ़ व डाउनलोड कर सकेंगे. यह व्यवस्था न केवल खगड़िया अनुमंडल के लिए,बल्कि पूरे जिला और राज्य के नागरिकों के लिए फायदेमंद है. ——–

श्वाती कुमारी, डीसीएलआर खगड़िया

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