विश्व योग दिवस: शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आज लगेंगे योग शिविर
विश्व योग दिवस: शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आज लगेंगे योग शिविर
प्रतिनिधि, कटिहार जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को होने वाले 11 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. शहरी क्षेत्रों में कई स्थानों पर योग शिविर के आयोजन की तैयारी की गयी है. साथ ही कई अन्य संगठनों की ओर से भी योग दिवस पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की गयी है. मौजूदा समय में जीवन के लिए योग के महत्व को रेखांकित करने के उद्देश्य इस तरह के आयोजन किये जा रहे है. हालांकि प्रशासनिक स्तर से योग दिवस पर होने वाले कार्यक्रम को लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं दी गयी है. निजी एवं गैर सरकारी स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में स्थानीय लोग हिस्सा लेंगे. आयोजकों की ओर से योग शिविर के लिए पूरी तरह तैयारी कर ली गयी है. आयोजकों की मानें तो बड़ी संख्या में लोग जिले में होने वाले योग दिवस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे तथा योगाभ्यास करेंगे. योग दिवस की पूर्व संध्या पर भी योग का पूर्वाभ्यास कराया गया है. शहर के जैन अतिथि भवन में कोसी क्षेत्रीय विकलांग विधवा वृद्ध कल्याण समिति कटिहार व दिव्यांग महा परिवार की ओर से योग दिवस पर योग शिविर आयोजित की जायेगी. योग दिवस के कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि व विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं, समाज कर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है. उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यक्रम होते रहे है. केस स्टडी-1 ———– शहर के विनोदपुर निवासी डॉ बीके मिश्रा का जीवन ही योग को समर्पित है. प्रचार-प्रसार से दूर डॉ मिश्रा पिछले करीब डेढ़ दशक से जिले में योगा के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वह न केवल लोगों को योगा के महत्व से अवगत कराते है. बल्कि स्थानीय स्तर पर लगाये जाने वाले योग शिविर में भी बतौर प्रशिक्षक शिरकत करते है तथा लोगों को योग क्रिया से अवगत कराते है. डॉ मिश्रा योगा को बिल्कुल विज्ञान की तरह पेश करते है. व्यक्ति के जीवन में आने वाले व्याधियों को योग से दूर किया जा सकता है. ऐसा डॉ मिश्रा मानते है. वह न केवल योगाचार्य के रूप में चर्चित है. बल्कि योगा के साथ साथ लोगों को योगा के जरिये शारीरिक व्याधियों को दूर करने का उपाय भी बताते है. योग आरोग्य विज्ञान के माध्यम से वह जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को योग के प्रति जागरूक कर रहे है. बड़ी संख्या में लोग उनके पास योग के विविध आयामों को जानने के लिए पहुंचते है. केस स्टडी-2 ———- योग प्रशिक्षक व प्राकृतिक चिकित्सक सह आरोग्य भारती के जिला सह सचिव डॉ ब्रजेश कुमार झा न केवल नियमित रूप से योग करते है. बल्कि जन समुदाय को भी स्वस्थ रहने के लिए योग व अन्य प्राकृतिक चिकित्सा की सलाह देते है बातचीत में वह कहते है कि महर्षि पतंजलि के अनुसार योग के आठ अंग है. जिन्हे अस्तांग योग के नाम से जाना जाता है. यम, नियम ,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि योग के आठ अंग है. यम और नियम हमे स्वयं के प्रति कर्तव्य और समाज के साथ हमारे व्यवहार को निर्धारित करता है. आसन और प्राणायाम हमारे शरीर, नस नाड़ियों सहित मन को शुद्ध कर स्वस्थ बनाती है. प्रत्याहार द्वारा शुद्ध मन को बाह्य जगत से समेटकर शरीर के भीतर अनुभव किया जाता है. शरीर के भीतर बिखरे मन को पुनः समेटकर किसी एक बिंदु पर टिका देना धारणा है. इस बिंदुबत मन का स्थिर बना रहना ही ध्यान है. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का बास होता है. योग हमारे जीवन को पूर्णता प्रदान करता है. वास्तव में आत्मस्थ होना ही असली अर्थ में स्वस्थ होना है. इसलिए,स्वस्थ जीवन का ले संकल्प,करें योग एकमात्र विकल्प. केस स्टडी-3 ———— जिले के भमरेली पंचायत अंतर्गत तिलास निवासी सत्यनारायण मंडल योग की वजह से स्वस्थ है. करीब पांच-छह साल पहले उनकी तबियत काफी खराब हो गया. इलाज के लिए कटिहार, पूर्णिया, पटना हर जगह गए. पर बीमारी ठीक नहीं हुआ. दवा लेने पर कुछ दिन ठीक रहता. लेकिन फिर परेशानी बढ़ जाता. तब वह योग का सहारा लिया. आज वह स्वस्थ है. वह कहते है कि भागदौड़ की इस जीवन शैली में दवा से तत्कालिक राहत मिलती है. जबकि जीवन में योग को आत्मसात करने स्थायी राहत मिलती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
