महानंदा नदी का बढ़ा जलस्तर, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य धराशायी
महानंदा नदी का बढ़ा जलस्तर, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य धराशायी
– रात के अंधेरे में किया जा रहा था बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्य – गुणवत्ता मानकों की अनदेखी का लगाया जा रहा आरोप आजमनगर बाढ़ डिवीजन के महानंदा नदी में आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के बैरिया घाट में किये गये बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्य में रतनपुर गांव को बचाने के लिए जो बैम्बो पाइलिंग के साथ-साथ जिओ शिफ्टिंग कार्य किया गया था. जिस पर लगातार प्रभात खबर द्वारा प्रमुखता से खबर को प्रकाशित की जा रही थी. अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण बोरियां खिसक गयी हैं. महानंदा में हल्का जलस्तर बढ़ने से करोड़ों रुपये खर्च कर जो रतनपुर को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से बालू भरी बोरी की शिफ्टिंग कार्य धाराशाई हो गया है. ग्रामीण की माने तो इस कार्य में बड़े स्तर पर लापरवाही बरती गई है. आनन-फ़ानन में संवेदक और विभाग की मिली भगत से काम किया गया है. कार्य की गुणवत्ता पर शुरू से ही सवाल उठ रहा है लेकिन जिला प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया. हल्की बारिश और जलस्तर में थोड़ी बढोत्तरी से पूरी की पूरी गैबीयन एवं बैम्बो पाइलिंग कार्य महानंदा नदी की धीमी प्रवाह में स्लाइड कर गया. रतनपुर गांव पर खतरा मंडरा सकता है. बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्य में गुणवत्ता मानकों को हासिये पर रख विभाग के जेई और एसडीओ की मौजूदगी में रात के अंधेरे में सुरक्षात्मक कार्य संवेदक के दलाल द्वारा कराया था. विभागीय सूत्रों का दावा है कम समय रहने के कारण रात के अंधेरे में काम किया था. महानंदा नदी के बढ़ते जलस्तर की रफ्तार से रतनपुर गांव कितना संघर्ष कर पायेगा. बाढ़ डिवीजन के कार्यपालक अभियंता अनिरुद्ध कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि रात के अंधेरे में काम करने का प्रावधान है. सब जगह रात में काम होता है. ग्रामीणों द्वारा इस बैम्बो पाइलिंग के खिसक जाने के मामले में कटिहार के डीएम से जांच करने की मांग की है.
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