गंदगी के बीच हो रही पार्ट थर्ड प्रायोगिक परीक्षा पर एनएसयूआई ने खड़ा किया सवाल
गंदगी के बीच हो रही पार्ट थर्ड प्रायोगिक परीक्षा पर एनएसयूआई ने खड़ा किया सवाल

– प्राचार्य से शिकायत कर व्यवस्था सुधार की उठायी आवाज – परीक्षा के समय कई विभाग को खोलने पर जतायी नाराजगी कटिहार डीएस कॉलेज को पार्ट थर्ड 2025 प्रायोगिक परीक्षा के लिए विज्ञान व मनोविज्ञान विषय के लिए एक मात्र केन्द्र बनाया गया है. जहां जिले के अंगीभूत व सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्र छात्राएं 19 मई से प्रायोगिक परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. कई विभाग में गंदगी के बीच प्रायोगिक परीक्षा दे रहे छात्रों की शिकायत पर एनएसयूआई के छात्र नेता अमित पासवान द्वारा मुआयना करने पर सही पाये जाने पर प्राचार्य के समक्ष कई तरह के सवाल खड़ा किया गया. इस दौरान एनएसयूआई के छात्र नेता अमित पासवान के साथ शेख इकबाल, राजा, विक्की, बिल्लू, विशाल कुमार का कहना था कि पूर्वोत्तर बिहार का नामी गिरामी डीएस कॉलेज का कई विभाग शिक्षक विहीन है. पढाई के नाम पर कोरम पूरा किया जाता है. इस तरह कहा जाये तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. प्रायोगिक परीक्षा या फिर किसी आयोजन के समय कभी कभार विभाग को खोला जाता है. बॉटनी विभाग की भी यही स्थिति है. शिक्षक के अभाव में प्रायोगिक परीक्षा लेने के लिए विभाग को खोल तो दिया गया. लेकिन सफाई नहीं होने के कारण बेंच व डेस्क पर धूल लगने के कारण छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं अधिकांश वर्गकक्ष में बरसात का पानी जमा होने का खामियाजा भी छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. शुद्ध पेयजल पीने के लिए विभाग से मेन बिल्डिंग में आना पड़ता है. उनलोगों ने विभाग की सफाई व विभाग में ही पानी की व्यवस्था कराने को लेकर प्राचार्य के समक्ष आवाज मुखर की. कहते हैं प्राचार्य मामले में डीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिंह ने गंभीरता से लेते हुए प्रधान सहायक को शीघ्र समस्याओं को दूर करने को लेकर निर्देश दिया. खासकर बॉटनी विभाग में लगे बेंच डेस्क पर जमी धूल की परत को साफ करने से लेकर वर्गकक्ष में जमा बारिश की पानी निकासी को कहा गया.
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