मखाना के लावा में भारी गिरावट, 500 किलो तक पहुंचा दाम
मखाना के लावा में भारी गिरावट, 500 किलो तक पहुंचा दाम
कीमत में भारी गिरावट के कारण व्यवसायी व किसान मायूस कोढ़ा नवंबर महीने में मखाना उद्योग एक बार फिर संकट के दौर से गुजर रहा है. मखाना के लावा के दामों में इस बार भारी गिरावट देखने को मिल रही है. तीन वर्षों की लगातार बढ़ोतरी के बाद इस वर्ष लावा का भाव 1200 रुपये किलो से घटकर मात्र 500 रुपये किलो तक पहुंच गया है. इससे किसानों और व्यापारियों दोनों में गहरी चिंता है. जानकारी के अनुसार, नवंबर 2022 में मखाना लावा का भाव 200 से 300 रुपये प्रति किलो था. इसके बाद 2023 में यह बढ़कर 700 से 800 रुपये और 2024 में 800 से 1200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था. इस वर्ष नवंबर 2025 में लावा का बाजार मूल्य 500 से 600 रुपये प्रति किलो तक गिर गया है. मखाना व्यापारी पंकज कुमार साह ने बताया कि शुरुआत में इस साल लावा का भाव 1000 से 1200 रुपये किलो था. लेकिन नवंबर में अचानक गिरावट आने से हमें भारी नुकसान हुआ. मखाना बोर्ड का गठन होने के बाद भी बाजार दर में ऐसी गिरावट चिंताजनक है. मखाना लावा उत्पादक रंजीत साहनी का कहना है कि लावा तैयार करने की लागत बहुत अधिक है. अब कीमत घटने से मेहनत और पूंजी दोनों डूब गई है. व्यापारी चंदन कुमार साह ने कहा पिछले साल नवंबर में लावा 1100 से 1200 रुपये किलो बिक रहा था. लेकिन इस बार यह आधे से भी कम भाव में बिक रहा है. व्यापारियों की कमाई आधी रह गई है. गुल्फराज ने बताया कि बाजार में मांग कम हो गई है. स्टॉक बढ़ता जा रहा है और माल की खपत घट रही है. कुल मिलाकर, मखाना उद्योग की यह गिरावट न केवल व्यापारियों को घाटे में डाल रही है. बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति पर भी असर डाल रही है. उद्योग से जुड़े लोग अब सरकार और मखाना बोर्ड से स्थिर बाजार नीति और मूल्य नियंत्रण की ठोस पहल की उम्मीद कर रहे हैं.
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