पंचायत स्तर पर टीबी को करें समाप्त, प्रतिनिधि होंगे सम्मानित

पंचायत स्तर पर टीबी को करें समाप्त, प्रतिनिधि होंगे सम्मानित

By RAJKISHOR K | March 20, 2025 6:54 PM

कटिहार जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा के अध्यक्षता में गुरुवार को जिला टीबी फोरम की बैठक आयोजित हुई. सीएस डॉ जितेंद्र नाथ सिंह सहित जिला टीबी फोरम के सभी मेंबर शामिल हुए. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ अशरफ रिजवी ने टीबी फोरम की महत्ता के बारे में चर्चा करते हुए टीबी फोरम में पीपीटी के माध्यम से यक्ष्मा रोगियों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दिया. डीएम मनेश कुमार मीणा ने कहा कि टीबी उन्मूलन का प्रयास हम सभी लोगों को मिलकर करना होगा, तभी जाकर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त का सपना साकार हो पायेगा. डीएम ने जिला के हाय रिश्क वाले जगहों को चिन्हित करके वहां टीबी खोज का सघन अभियान चलाने का निर्देश दिया. सीएस डॉक्टर जितेंद्र नाथ सिंह ने फोरम के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि निश्चय मित्र बनाने का प्रयास हम लोगों के द्वारा किया जाना चाहिए. सही एवं समुचित पोषण के बाद ही टीबी के मरीज स्वस्थ हो सकते हैं. जिला टीबी फोरम को आश्वस्त किया कि जल्द ही कटिहार मेडिकल कॉलेज में भी ट्रूनेट मशीन लगाया जायेगा ताकी मरीज को मेडिकल कालेज में ही जॉच हो सके. विभाग से वार्ता किया जायेगा. सीएस ने कहा की टीबी मरीज को चाहिए कि वह अपना दवा कम से कम छह महीना या डॉक्टर के सलाह के अनुसार जरूर खाएं ताकि उन्हें फिर से टीबी न हो, टीबी मरीज को चाहिए कि टीबी की दवा के साथ-साथ वह अपने बलगम का टेस्ट भी करवाएं ताकि पता चल सके कि उनको जिद्दी टीबी है कि नहीं, ज़िद्दी टीबी का इलाज समुचित ढंग से होना चाहिए. मृत्यु दर ज्यादा है इसलिए इसका दवा समय से और पूरा कोर्स करना बेहद जरूरी है. भारत से टीबी उन्मूलन को लेकर प्रधानमंत्री है संकल्पित देश से टीबी उन्मूलन को लेकर भारत सरकार पूरी तरह से गंभीर है. डॉक्टर अशरफ रिजवी ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त पंचायत पहल के तहत प्रत्येक ब्लाक के दो पंचायतों को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया गया है. उसमें हम लोग सभी ब्लॉक में पंचायतों को चिन्हित करवा कर एसीएफ करवा रहे हैं. अगर किसी पंचायत में लगातार एक साल तक प्रति हजार आबादी पर एक या एक से कम टीबी का मरीज मिलता है. उस पंचायत को प्रथम साल कांस्य का पुरस्कार एवं दो साल तक टीबी नहीं निकलता है तो सिल्वर का पुरस्कार एवं तीन साल तक उस पंचायत में टीबी नहीं निकलता है तो गोल्ड के पुरस्कार से उस पंचायत के मुखिया को जिलाधिकारी के द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा. डॉक्टर रिजवी ने कहा की वर्तमान में बिहार के दस जिलों में एक सौ दिवसीय टीबी खोज अभियान भी चलाया जा रहा है. सभी मधुमेह रोगी, कैंसर रोगी, टीबी मरीजों के संपर्क में रहने वाले लोगों के अलावे ईंट भट्ठा, एवम् झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले मरीजों को टीबी का जॉच किया जा रहा है. डीपीएम डॉ किसलय ने बताया कि इस वर्ष कुल 14 प्रखंड के 15 पंचायत को टीबी मुक्त की घोषणा टीबी डिवीजन दिल्ली के द्वारा किया गया है. इन सभी मुखिया को टीबी दिवस पर महात्म गांधी की ब्रॉन्ज की प्रतिमा के साथ ही टीबी मुक्त पंचायत का सर्टिफिकेट जिलाधिकारी के द्वारा दे कर सम्मानित किया जायेगा. एसीएमओ डॉ जयप्रकाश सिंह, डॉ आर सुमन, डॉ एस सरकार, रेड क्रॉस सोसाइटी, चैंबर ऑफ कॉमर्स, एचआईवी विभाग के डीपीएम शौणिक प्रकाश, वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स के कमलेश कुमार साहू, शब्बीर आलम, फील्ड ऑफिसर संजय कुमार, योगेंद्र प्रसाद पाल आदि उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है