चहारदीवारी के अभाव में पीएम श्री प्लस टू उच्च विद्यालय छांव बना चारागाह
छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल, प्रशासनिक उपेक्षा से बढ़ी चिंता
# छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा खुले परिसर में मवेशियों व असामाजिक तत्वों का बेरोकटोक प्रवेश छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल, प्रशासनिक उपेक्षा से बढ़ी चिंता मोहनिया शहर. स्थानीय अनुमंडल अंतर्गत दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र स्थित पीएम श्री प्लस टू उच्च विद्यालय छांव इन दिनों प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है. गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन व शिक्षकों की मेहनत के बावजूद यह विद्यालय आज भी कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. इनमें सबसे गंभीर समस्या विद्यालय परिसर के चारों ओर चहारदीवारी का नहीं होना है, जिसके कारण विद्यालय का बड़ा हिस्सा खुले मैदान व चारागाह में तब्दील हो गया है. इसका सीधा असर छात्र-छात्राओं की सुरक्षा, अनुशासन व शैक्षणिक वातावरण पर पड़ रहा है. विद्यालय परिसर में चहारदीवारी नहीं होने के कारण आसपास के ग्रामीण अपने मवेशियों को यहां चराने के लिए छोड़ देते हैं. दिनभर मवेशियों का विद्यालय प्रांगण में खुलेआम विचरण आम बात है. इससे न केवल परिसर की स्वच्छता प्रभावित हो रही है, बल्कि छात्रों की पढ़ाई के लिए आवश्यक शांत वातावरण में भी व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. कई बार मवेशियों के कारण विद्यालय की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचता है, जिससे संसाधनों की पहले से कमी झेल रहे विद्यालय को अतिरिक्त परेशानी उठानी पड़ती है. सबसे चिंताजनक स्थिति छात्राओं की सुरक्षा को लेकर है. विद्यालय परिसर खुला होने के कारण असामाजिक तत्वों का प्रवेश भी बेरोकटोक जारी रहता है. चहारदीवारी के अभाव में विद्यालय की सीमाएं स्पष्ट नहीं हैं, जिससे बाहरी लोगों की आवाजाही पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाता. इससे छात्राओं के साथ छेड़खानी, असहजता व भय की आशंका बनी रहती है. अभिभावक भी इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं व कई बार विद्यालय प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठा चुके हैं. सड़क व गेट का हुआ निर्माण, लेकिन बाउंड्री अधूरी बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के फंड से विद्यालय तक पहुंच पथ का निर्माण कराया गया है. साथ ही लगभग 200 मीटर लंबी चहारदीवारी व एक गेट का भी निर्माण किया गया है. इससे कुछ हद तक समस्याएं कम जरूर हुई हैं, लेकिन विद्यालय परिसर का एक बड़ा हिस्सा आज भी बिना चहारदीवारी के खुला पड़ा है. आधी-अधूरी चहारदीवारी से अपेक्षित सुरक्षा नहीं मिल पा रही है व समस्या जस की तस बनी हुई है. विद्यालय प्रशासन व स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि विद्यालय परिसर के चारों ओर पूर्ण रूप से चहारदीवारी का निर्माण हो जाये, तो अधिकांश समस्याओं का समाधान संभव हो जायेगा. इससे न केवल मवेशियों व बाहरी वाहनों व मनचलों का प्रवेश रुकेगा, बल्कि छात्र-छात्राओं को एक सुरक्षित व अनुशासित वातावरण भी मिल सकेगा. साथ ही विद्यालय की गरिमा व शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा. सुरक्षा को लेकर थानाध्यक्ष ने की थी बैठक छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर दुर्गावती थानाध्यक्ष गिरीश कुमार ने लगभग दस दिन पूर्व विद्यालय में प्रधानाध्यापक राकेश कुमार सिंह व शिक्षकों के साथ बैठक की थी. बैठक में विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गयी थी. थानाध्यक्ष ने चहारदीवारी के अभाव को गंभीर कमी बताया था. उन्होंने कहा था कि उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, इसी कारण पुलिस प्रशासन विद्यालयों में जागरूकता बैठकें कर रहा है. इस दौरान विद्यार्थियों को थाना का मोबाइल नंबर भी दिया गया था. इसके बावजूद अबतक चहारदीवारी का निर्माण नहीं होना स्थानीय लोगों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है. क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक राकेश सिंह ने बताया कि विद्यालय की चहारदीवारी नहीं होने से काफी परेशानी होती है. बाउंड्री के अभाव को लेकर विभाग को अवगत कराया गया है, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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