पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की मनायी गयी पुण्यतिथि
विश्वकर्मा भवन में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनायी गयी
रामगढ़. गुरुवार की दोपहर अखिल भारतीय विश्वकर्मा जनजागरण मंच के बैनर तले विश्वकर्मा भवन में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनायी गयी. इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके बताये पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया. लोगों को संबोधित करते हुए समाजसेवी कमलेश शर्मा ने कहा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह एक महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, आध्यात्मिक गुरु व भारत के सातवें राष्ट्रपति थे. इनका जन्म ब्रिटिश भारत के फरीदकोट राज्य (वर्तमान पंजाब) के ग्राम संघवान में 5 मई 1916 को हुआ था. इनके पिता का नाम किशन सिंह विश्वकर्मा व माता का नाम इंद्रा कौर था. कम उम्र में ही वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गयेे थे. 1938 में फरीदकोट रियासत में प्रजा मंडल का इनके द्वारा गठन किया गया, जो कांग्रेस से जुड़ा था और रियासत के राजा के खिलाफ आंदोलन चलाया गया. इस कारण उन्हें 5 साल की जेल हुई, जेल में रहते हुए उन्होंने अपना नाम जरनैल सिंह से बदलकर जैल सिंह कर लिया. 25 दिसंबर 1994 को चंडीगढ़ में एक कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उनका निधन हो गया. इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राम बच्चन शर्मा ने की. मौके पर रामनंदी देवी, विजय शर्मा, पंकज जायसवाल, डबलू शर्मा, रामआसरे विश्वकर्मा, डबलू शर्मा, रामबचन शर्मा, विरेन्चन शर्मा सहित कई लोग मौजूद रहे.
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