शहर में ठोस कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद, कर रहे मनमानी

शहर में ठोस कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद, कर रहे मनमानी

By VIKASH KUMAR | December 30, 2025 4:32 PM

फोटो फुटपाथ पर अतिक्रमण, सड़क पर पैदल यात्री, बेबस दिख रहा प्रशासन शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान बन रहा खानापूर्ति भभुआ सदर. सड़क पर सरपट दौड़ती गाड़ियां और फुटपाथ पर अतिक्रमण का जाल, ऐसे में पैदल यात्री आखिर चलें तो कैसे. यह समस्या लंबे समय से शहर में बनी हुई है, लेकिन स्थायी समाधान खोजने की बजाय प्रशासन समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की खानापूर्ति कर पस्त पड़ता नजर आ रहा है. दूसरी तरफ अतिक्रमण हटाये जाने के अगले ही दिन या कुछ ही घंटों बाद फिर से उसी तरह दुकानें सज जाती हैं, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो. नतीजतन लोग पहले की तरह ही इन समस्याओं से जूझने को मजबूर हो जा रहे हैं. फुटपाथ पर कहीं सीधे तौर पर व्यवसाय हो रहा है, तो कहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के संचालकों ने फुटपाथ को ही अपना शोरूम बना लिया है. तमाम कार्रवाई के बावजूद दुकानों के बाहर फुटपाथ पर सामान रखकर ग्राहकों को आकर्षित करने की प्रवृत्ति जारी है. इस तरह शहर में पैदल यात्रियों से फुटपाथ पूरी तरह छीन लिया गया है. लेकिन इस पर लगाम लगाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हो रही है. व्यवसाय से जुड़े लोग अपने लाभ के चक्कर में आम अवाम को फुटपाथ से लेकर सड़क तक परेशान करने में लगे हुए हैं. उदाहरण के तौर पर नगर पर्षद ने कचहरी मुख्य सड़क के किनारे बने नाले को ढालकर फुटपाथ का रूप दिया था, ताकि पैदल चलने वाले लोगों को सड़क पर दौड़ रही गाड़ियों से खतरा न हो. लेकिन इस फुटपाथ का उपयोग पैदल यात्रियों से ज्यादा दुकानदार कर रहे हैं. सुबह होते ही फुटपाथ पर तरह-तरह की दुकानें सज जाती हैं. कहीं चाय स्टॉल, कहीं ठेला-खोमचा तो कहीं साइकिल का शोरूम फुटपाथ पर ही सजा दिया जाता है. बची-खुची कसर बड़े दुकानदार पूरी कर रहे हैं. हालात यह हैं कि दुकानदार अपने सामने के फुटपाथ को अपने प्रतिष्ठान का ही अंग समझने लगे हैं और सामान फैलाकर रख देते हैं. ऐसे में पैदल यात्री गाड़ियों की भीड़ के बीच सड़क पर चलने को मजबूर हैं, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. खानापूर्ति साबित हो रही क्लीन सिटी योजना शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने के उद्देश्य से तीन साल पहले क्लीन सिटी योजना की शुरुआत की गयी थी. शुरुआती दौर में नगर पर्षद व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभायी थी. लगातार अभियान चलने से लोगों को उम्मीद जगी थी कि शहर अतिक्रमण से मुक्त हो जायेगा. लेकिन कुछ ही महीनों बाद फिर से पहले जैसी स्थिति बनती दिख रही है. शहर को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में चल रही मुहिम पर लंबे समय से विराम लगे रहने के कारण अतिक्रमणकारियों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि हाल-फिलहाल नगर पर्षद की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसका कोई ठोस असर शहर में कहीं नजर नहीं आ रहा है. इनसेट अधिकारियों का आदेश भी शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने में नहीं आ रहा काम = एसडीएम के पटेल चौक पर बड़े वाहन खड़े नहीं करने के आदेश के बावजूद खड़ी हो रहीं बसें भभुआ सदर. एक ओर जहां जिला व पुलिस प्रशासन के शीर्ष अधिकारी भभुआ और मोहनिया अनुमंडल के शहरों की यातायात व्यवस्था को सुधारने के जी तोड़ प्रयास करने में जुटे हैं, वहीं जिम्मेवारी संभाले कनीय अधिकारी उनके इन प्रयासों को व्यावहारिक अमल में लाते नहीं दिख रहे और घोर लापरवाही बरत रहे हैं. भभुआ और मोहनिया बाजार क्षेत्र में जाम के झाम से निपटने के लिए कई बार कवायद की गयी और नगर पर्षद, नगर पंचायत और पुलिस प्रशासन ने अपनी ओर से व्यवस्था सुधारने के हरसंभव प्रयास भी किया. लेकिन, अभी भी भभुआ व मोहनिया शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को देखने के बाद प्रतीत होता है कि गंभीरता किसी स्तर पर नहीं बरती जा रही है और सभी विभाग महज खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं. भभुआ शहर में कुछ दिन पहले डीएम ने सवारी वाहन चालकों, बस मालिकों और ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ने व नो इंट्री के समय बसें और भारी वाहन के प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया था. भभुआ एसडीएम अमित कुमार ने भी शहर के जेपी और पटेल चौक पर अवैध स्टैंड को हटाने के साथ पटेल चौक पर खड़ी होने वाली बसों को वहां नहीं खड़े करने का सख्त निर्देश दिया. लेकिन, बैठक और अधिकारियों के निर्देशों का पालन शहर में तो होता नही दिख रहा है. हालांकि, खानापूर्ति जरूर कर दी जा रही है. इधर, नगर पर्षद का भी दावा है कि शहर के जेपी चौक, पटेल चौक, रणविजय चौक और बिजली कॉलोनी के समीप के अतिक्रमण को हटा दिया गया है, लेकिन दावों के विपरीत हालात नहीं बदले है और अब भी पटेल चौक के समीप अवैध रूप से बसें और सवारी वाहन बेरोकटोक खड़े हो रहे है.

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