पक्कीकरण से वंचित अटरिया–मिश्रपुरा कच्ची सड़क, ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी

वर्षों से वादों में उलझी सड़क, ग्रामीणों ने उठायी मांग

By VIKASH KUMAR | December 27, 2025 3:41 PM

बरसात में कीचड़ से आवागमन ठप, खेती किसानी पर असर वर्षों से वादों में उलझी सड़क, ग्रामीणों ने उठायी मांग दुर्गावती. इन दिनों सड़कों के पक्कीकरण व जीर्णोद्धार को लेकर कहीं न कहीं शिलान्यास व उद्घाटन होते रहते हैं. इसे एक अच्छी पहल माना जा रहा है. वहीं, एक पंचायत से दूसरे पंचायत को जोड़ने वाली ग्रामीण कच्ची सड़कों को लेकर लोग अपने भाग्य को कोसते नजर आ रहे हैं. विकास की बहती गंगा में ऐसा ही हाल स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के कल्याणपुर व जेवरी पंचायत को जोड़ने वाली अटरिया गांव से सटे पश्चिम दिशा से गुजरने वाली कच्ची सड़क का है, जो अब तक पक्कीकरण नहीं बन पायी है. जबकि चुनाव के कई बसंत बीत गये. इस पथ को लेकर बड़े-बड़े वादे भी किये जाते रहे, लेकिन अब तक सड़क पक्की नहीं बन सकी. जानकारी के अनुसार, यह सड़क एक ओर उत्तर दिशा में लरमा नहर पथ को, तो दूसरी ओर दक्षिण दिशा में धनेछा रेलवे स्टेशन सहित विभिन्न पथों को जोड़ती है. स्थिति यह है कि सूखे मौसम में इस पथ से आवागमन होता रहता है, लेकिन बरसात के मौसम में यह रास्ता कीचड़ में तब्दील हो जाता है. ऐसे में गुजरने वाले राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्या कहते हैं ग्रामीण— –अटरिया गांव निवासी सोनू कुमार बताते हैं कि यदि यह सड़क पक्कीकरण बन जाये तो धनेछा रेलवे स्टेशन आने-जाने में काफी सहूलियत मिलेगी. साथ ही कृषि कार्य के दौरान खेतों तक गाड़ियां आसानी से पहुंच सकेंगी. कच्ची सड़क होने के कारण धान व गेहूं के बोझे लाने में कई बार ट्रैक्टर पलट जाते हैं, जिससे मेहनत से कमाई गयी फसल बर्बाद हो जाती है और दुर्घटना का भी डर बना रहता है. यदि समय रहते अटरिया मस्जिद से मिश्रपुरा पथ तक लगभग नौ सौ मीटर सड़क का पक्कीकरण कर दिया जाये, तो आवागमन में काफी सुविधा होगी. –ग्रामीण डाॅ कमलेश कुशवाहा का कहना है कि लरमा नहर से अटरिया मस्जिद तक पक्कीकरण हो चुका है, लेकिन अटरिया–मिश्रपुरा के खिला मौजा से गुजरने वाली लगभग नौ सौ मीटर लंबी कच्ची सड़क अब तक नहीं बन पायी है. इसके नहीं बनने से बारिश के समय यह रास्ता कीचड़ व फिसलन से भर जाता है. तब वाहन तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. सड़क बन जाने से लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी. –ग्रामीण मोहम्मद जॉन अंसारी कहते हैं कि इस कच्चे रास्ते के नहीं बनने से खेती किसानी में ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि संसाधनों के आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हर जगह कच्ची सड़कों के पक्कीकरण व पुरानी सड़कों के जीर्णोद्धार की बातें सामने आ रही हैं, लेकिन वर्षों से कच्ची पड़ी इस सड़क का निर्माण कब होगा, यह कहना मुश्किल है. ऐसे में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

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