हर रोज सदर अस्पताल पहुंच रहे सर्दी-जुकाम के 100 मरीज

कड़ाके की ठंड में बढ़ा बीमारियों का खतरा, बच्चों व बुजुर्गों को विशेष सतर्कता जरूरी

By VIKASH KUMAR | December 19, 2025 3:36 PM

कड़ाके की ठंड में बढ़ा बीमारियों का खतरा, बच्चों व बुजुर्गों को विशेष सतर्कता जरूरी ठंड में लापरवाही बन सकती है बड़ी परेशानी भभुआ सदर. पिछले दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड व बर्फीली हवाओं से हो रही कनकनी में थोड़ी-सी लापरवाही बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है. ठंड के मौसम में बच्चों में निमोनिया होने की आशंका काफी बढ़ जाती है. इसे लेकर बच्चों व बुजुर्गों को खास ख्याल रखने की जरूरत है. इधर ठंड बढ़ने के साथ ही ठंड से होने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगा है. दरअसल, ठंड को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि ठंड में सावधानी नहीं बरतना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए ठंड से होने वाली बीमारियों में सावधानी ही बचाव का सर्वोत्तम उपाय है. लगातार पारा गिरने व सर्द हवाओं के प्रकोप के कारण कनकनी लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है. कनकनी के चलते लोगों का जीना मुहाल हो गया है. गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से ठंड का प्रकोप लगातार जारी है. ठंड बढ़ने के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, जुकाम व बुखार के औसतन 100 मरीज हर रोज पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ विनय तिवारी ने बताया कि ठंड बढ़ने के कारण मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है. मौसमी फ्लू के मरीज लगातार अस्पताल पहुंच रहे हैं. उन्होंने ठंड के दौरान लोगों को विशेष तौर पर सतर्क रहने की सलाह दी है. ठंड से इन बीमारियों का बढ़ता है प्रकोप सदर अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉ अभिलाष चंद्रा ने बताया कि ठंड लगने के कारण कोल्ड डायरिया होने का खतरा अधिक रहता है. बच्चों में सर्दी, खांसी, निमोनिया व पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है. बेहद ठंडे मौसम में रक्तचाप के मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होती है. ठंड अधिक बढ़ने पर कोल्ड स्ट्रोक से लोगों की मौत तक हो सकती है. इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होंगे परेशान बढ़ती ठंड व कनकनी में सुबह व शाम के वक्त गर्म कपड़े पहनकर ही घरों से बाहर निकलें. ठंड बढ़ने पर शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढंक कर रखें. बाहर से आने के बाद तुरंत गर्म कपड़े न उतारें. इस मौसम में पानी का भरपूर सेवन करें. गुनगुने पानी का प्रयोग लाभदायक होता है. ताजा व गर्म भोजन करें. ब्लड प्रेशर के मरीज ठंड से बचाव के लिए नियमित रूप से व्यायाम जरूर करें.

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