अनुसचिवीय कर्मी के हड़ताल से कामकाज हो रहा प्रभावित

बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी संघ गोपगुट के राज्य कमेटी के आह्वान पर अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर संघ के कर्मी शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये.

By AMLESH PRASAD | August 14, 2025 9:58 PM

जहानाबाद नगर. बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी संघ गोपगुट के राज्य कमेटी के आह्वान पर अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर संघ के कर्मी शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण समाहरणालय के विभिन्न विभागीय कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहता है. कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण संचिकाओं का निष्पादन पूरी तरह से ठप हो गया. वहीं हड़ताल पर कर्मियों के चले जाने से कार्यालयों में सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर तथा परिचारी ही उपस्थित मिलते हैं. ऐसे में जिले के दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से अपने कार्यों का निष्पादन कराने के लिए समाहरणालय पहुंचे लोगों को बिना कार्यों के निष्पादन के ही वापस लौटना पड़ रहा है. कार्यालयों में लिपिकों के उपस्थित नहीं रहने के कारण लोगों का कार्य नहीं हो रहा है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों से पहुंचने वाले लोग निराश होकर वापस लौट रहे हैं.

हड़ताली कर्मी कारगिल चौक के समीप दे रहे धरना

हड़ताली कर्मी कारगिल चौक के समीप प्रतिदिन धरना दे रहे है. धरना में समाहरणालय, अनुमंडल, प्रखंड एवं अंचलों में कार्यरत तमाम निम्नवर्गीय लिपिक, उच्चवर्गीय लिपिक, प्रधान लिपिकों एवं सहायक प्रशासी पदाधिकारी शामिल रहते है. धरना की अध्यक्षता करते हुए और अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट के जिलाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने कहा कि तमाम लिपिकों के हड़ताल में चले जाने के कारण जिला का सचिवालय रूपी समाहरणालय बंद पड़ा है. सरकार द्वारा हम लोगों को जबरन हड़ताल पर धकेला गया है. निम्न वर्गीय लिपिक को 1900 का ग्रेड पे दिया जा रहा है जो कि अत्यल्प है. इस वेतन पर न तो सम्मानजनक जीवनयापन हो पा रहा है और न ही बच्चों को उचित शिक्षा मिल पा रही है. जब तक सरकार द्वारा 10 सूत्री मांगों पर सहानुभूतिपूर्ण विचार नहीं किया जाता है, हड़ताल जारी रहेगी. धरना को संबोधित करते हुए अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट के जिला सचिव ने कहा कि मांगों में निम्न वर्गीय लिपिक को सहायक का पद नाम देकर 2800 का ग्रेड पे देना प्रमुख है. साथ ही उच्च वर्गीय लिपिक को 4200 ग्रेड पे और वरीय सहायक का पदनाम, प्रधान लिपिक को प्रशाखा पदाधिकारी का पदनाम देते हुए 4600 का ग्रेड पे की मांग करते हैं. सहायक प्रशासी पदाधिकारी को हम राजपत्रित पद घोषित करते हुए 5400 का ग्रेड पे की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि अपनी जवानी सरकार की खिदमत में खपा देने वाले कर्मचारी आज एक अदद पेंशन को मोहताज हैं. राजनेताओं को चार-चार पेंशन मिलता है लेकिन सरकार की योजनाओं को सरजमीं पर उतारने वाले कर्मियों को एक ऐसे पेंशन में धकेल दिया गया है जिसमें बुढ़ापे की दवाई भी खरीदी नहीं जा सकती है. सभी कर्मचारी एक राष्ट्र – एक पेंशन की मांग करते हैं. नई पेंशन योजना अगर इतनी ही अच्छी है तो राजनेताओं को भी नई पेंशन योजना ले लेनी चाहिए, राजनेता खुद पुरानी पेंशन लेते हैं. अनुसचिवीय कर्मचारी संघ गोपगुट के जिला सचिव अजय कुमार ने कहा कि अनुसचिवीय कर्मचारियों के राज्यस्तरीय संवर्ग बनाने का राज्य सरकार के प्रस्ताव का संघ पुरजोर विरोध करता है. कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा सुविधा, जिला मुख्यालय में आवास की व्यवस्था, कार्यबल में वृद्धि सहित पुरानी पेंशन की मांग करते हैं. अनुसचिवीय कर्मचारियों को सरकार 20 वर्षों से ठगने का ही काम किया है. उन्होंने कहा कि 10 सूत्री मांगों की पूर्ति होने तक लिपिकों का हड़ताल जारी रहेगा. अगर सरकार सम्मानजनक समझौता करते हुए 10 सूत्री मांगों को पूरा नहीं करती है तो पूरे बिहार के कर्मचारी और उसके परिवार आने वाले चुनाव में वोट की चोट से सरकार को सबक सिखाएंगे.

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