Jehanabad : सरकार राज्यकर्मियों के आंदोलन के खिलाफ अपनाती रही है तानाशाही रवैया : जिलाध्यक्ष
बिहार अनुसचिवीय कर्मियों की सभी 10 सूत्री मांगें जायज है, जिन्हें सरकार को तुरंत मान लेनी चाहिए. इन मांगों की पूर्ति के लिए कर्मियों को हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.
जहानाबाद नगर. बिहार अनुसचिवीय कर्मियों की सभी 10 सूत्री मांगें जायज है, जिन्हें सरकार को तुरंत मान लेनी चाहिए. इन मांगों की पूर्ति के लिए कर्मियों को हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को संघ से वार्ता कर के पहले ही मान लेना चाहिए था. उक्त बातें आज यहां जिला मुख्यालय में हड़ताली अनुसचिवीय कर्मियों के धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (गोप गुट) के पूर्व जिला सचिव कृष्णा प्रसाद ने कही. उन्होंने कहा कि अनुसचिवीय कर्मियों के इस आंदोलन के साथ महासंघ चट्टान की तरह तब तक खड़ा रहेगा जब तक उक्त मांगें पूरी न हो जाती हैं. धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महासंघ के जिलाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने कहा कि बिहार के नीतीश कुमार की सरकार राज्य कर्मियों के प्रत्येक आंदोलन के खिलाफ सिर्फ तानाशाही रवैया अपनाती रही है तथा कभी भी कर्मियों के प्रतिनिधियों के साथ सम्मानजनक तरीके से वार्ता कर के हमारी जायज मांगों की पूर्ति के लिए प्रयास नहीं करती है, जिसके कारण मजबूरी में कभी कर्मचारी तो कभी शिक्षक अथवा अन्य कर्मी हड़ताल और आन्दोलन में उतरते रहते हैं. फलतः आम जनहित के कार्य बाधित होते रहते हैं. संघ ने अपना एक कदम आगे बढ़ाते हुए आगामी 25 अगस्त को पटना में राज्य कर्मियों का एक विशाल प्रदर्शन कार्यक्रम की घोषणा की है जिसमें पूरे बिहार के हजारों राज्यकर्मी भाग लेंगे. उक्त प्रदर्शन में औरंगाबाद जिला से भी बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए पटना जायेंगे. सभा में हड़ताल से संबंधित एक मांग प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें समाहरणालय के लिपिकीय संवर्ग के पद-सोपान एवं ग्रेड-पे में वांछित संशोधन कर नए शिरे से पद-सोपान एवं ग्रेड-पे तय करने, एमएसीपी के बदले अगले ग्रेड के पद-सोपान के अनुसार वेतन निर्धारित करने, अत्यधिक कार्यबोझ को देखते हुए अभियान चलाकर नई बहाली के द्वारा पूरे राज्य के कार्यालयों के कार्यबल में वृद्धि करने, चिकित्सा प्रतिपूर्ति की अनुमानित प्राक्कलित राशि का 75 प्रतिशत अग्रिम भुगतान की व्यवस्था करने सहित अन्य प्रमुख मांगें हैं. सभा की अध्यक्षता महासंघ गोपगुट के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने की. जबकि संचालन संघ के जिला संघर्ष सचिव सत्येंद्र कुमार ने किया. इनके अलावा इस सभा को संघ के कोषाध्यक्ष मृत्युंजय पाठक, विशाल कुमार,शंभु प्रसाद भास्कर, नागेंद्र कुमार, अमलेश कुमार, ईश्वरी प्रसाद, हीरालाल राम, पंकज राज ,विजय कुमार आदि थे.
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