Jehanabad : ””जय कन्हैया लाल की”” से गूंज उठा जिला जन्माष्टमी पर्व पर भक्ति की बयार

िले में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया. रात 12 बजते ही घरों में थाली बजने लगी, मंदिरों में शंख और घंटियों की ध्वनि गूंज उठी, और "जय कन्हैया लाल की " के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. जिले के प्रमुख मंदिरों, ठाकुरबाड़ी, राम जानकी मंदिर और राधा-कृष्ण मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन पूरे दिन और रातभर चलता रहा.

By MINTU KUMAR | August 16, 2025 11:18 PM

अरवल. जिले में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया. रात 12 बजते ही घरों में थाली बजने लगी, मंदिरों में शंख और घंटियों की ध्वनि गूंज उठी, और “जय कन्हैया लाल की ” के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. जिले के प्रमुख मंदिरों, ठाकुरबाड़ी, राम जानकी मंदिर और राधा-कृष्ण मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन पूरे दिन और रातभर चलता रहा. श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की. मंदिरों को रंग-बिरंगे फूलों, पत्तियों और लाइटों से सजाया गया था. राधा-कृष्ण की मूर्तियों को रत्न, मोती, रेशम, जरी, सितारे आदि से बनी आकर्षक पोशाक पहनायी गयी थी. भगवान श्रीकृष्ण को कमल पुष्पों के आसन पर विराजमान किया गया और नवरत्नों से जड़ित स्वर्ण कंठा धारण कराया गया. रात्रि 12 बजे हुआ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव : जैसे ही घड़ी में रात के 12 बजे, भक्तों ने सोहर गीत गाने शुरू किये. मंदिरों में घंटे और शंख बजने लगे. श्रद्धालुओं की भीड़ देर रात तक दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़ी रही. भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक झांकियों ने सभी को आकर्षित किया. नन्हे-मुन्ने बच्चे राधा और कान्हा के रूप में सजकर श्रद्धालुओं का मन मोह रहे थे. श्रद्धालुओं ने पूरे दिन उपवास रखा और संध्या समय स्नान-ध्यान कर भजन-कीर्तन में शामिल हुए. अर्धरात्रि को श्रीकृष्ण जन्म के पश्चात विधिवत हवन-पूजन किया गया. ठाकुर जी को स्नान कराकर नवीन वस्त्र पहनाये गये. महिलाओं और युवतियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-पाठ किया. बच्चों द्वारा माखन चोरी और मटकी फोड़ की झलक भी देखने को मिली, जिससे माहौल और भी जीवंत हो गया.

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