Jehanabad : अतिक्रमणकारियों से संकरी हो गयी हैं शहर की सड़कें

शहर में अतिक्रमण का दायरा दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. अतिक्रमणकारी फुटपाथ के साथ सड़क पर भी अपनी दुकानें लगाने लगे हैं जिसके कारण सड़के सिकुड़ती जा रही है और उस पर चलना मुश्किल हो रहा है.

By MINTU KUMAR | October 25, 2025 10:52 PM

जहानाबाद नगर

. शहर में अतिक्रमण का दायरा दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. अतिक्रमणकारी फुटपाथ के साथ सड़क पर भी अपनी दुकानें लगाने लगे हैं जिसके कारण सड़के सिकुड़ती जा रही है और उस पर चलना मुश्किल हो रहा है.

खास कर शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर इस तरह का नजारा आम है. चौराहों के आसपास बने फुटपाथ पर तो पहले से ही फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा था, अब वे सड़क पर भी अपनी दुकानें सजाने लगे हैं जिससे वाहनों का परिचालन तो प्रभावित हो ही रहा है, अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा आये दिन अभियान चलाकर शहर की सड़कों को अतिक्रमणमुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि इन प्रयासों का अतिक्रमणकारियों पर कोई विशेष असर पड़ता नहीं दिख रहा है. एक ओर जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अतिक्रमणकारी फिर से अपना जाल फैला रहे हैं. शहर की सड़कें तथा चौक-चौराहों पर सुबह होते ही अतिक्रमणकारी अपना जाल फैला देते हैं.

चौक-चौराहों पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लग्न के मौसम में तो अतिकमणकारियों का जाल और भी गहरा हो जाता है जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. शहरी क्षेत्र के अरवल मोड़ हो या अस्पताल मोड़, ऊंटा मोड़, काको मोड़ हो या मलहचक मोड़ हर जगह अतिक्रमणकारी सड़क के दोनों तरफ अपनी दुकानें सजा लेते हैं जिससे वाहनों का परिचालन तो प्रभावित होता ही है, आम यात्रियों तथा राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. फुटपाथ हो या सड़क हर जगह फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा रहता है. इससे जो सड़कें बचती हैं उस पर टेंपो चालक अपनी दादागिरी दिखाते हैं जिससे वाहनों के परिचालन में काफी परेशानी होती है. सबसे अधिक परेशानी तो अस्पताल मोड़ पर होती है जहां पैदल बाजार जाना भी मुश्किल होता है. अतिक्रमण का जाल इस कदर फैला है कि वाहनों की बात ही दूर पैदल बाजार जाना भी नाकों चने चबाने के बराबर साबित होता है.

अतिक्रमण हटाओ अभियान का नहीं दिखता है असर : शहरी में अतिक्रमण की समस्य विकराल रूप धारण कर चुकी है. इससे शहरवासियों को कदम-कदम पर जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इससे निजात की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. बैठक और कागजी खानापूरी को अमलीजामा नहीं पहनाए जाने से शहर में जाम की समस्या बढ़ती चली जा रही है. अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ता चला गया. शहर के किसी भी चौक-चौराहा या फिर फुटपाथ पर कदम रखने का भी जगह नहीं मिलता. इन स्थलों पर अतिक्रमणकारियों की मनमानी चलती है. अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा चलाए जा रहा है अभियान भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. अतिक्रमणकारियों पर प्रशासन का भाई पूरी तरह से खत्म हो गया है ऐसे में बार-बार चेतावनी के बावजूद हुए अतिक्रमण करने से बाज नहीं आ रहे हैं जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है