Jehanabad : सांप के डसने के बाद झाड़ फूंक के चक्कर में बच्चे की गयी जान
मुड़का गांव में एक 10 वर्षीय बच्चे को सांप ने काट लिया. इसके बाद उसके परिजन अस्पताल में इलाज कराने के लिए ले जाने के बजाय झाड़-फूंक और वैद्य के चक्कर में इधर-उधर घूमते रहे और जब बच्चे की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हुई तो इलाज के लिए उसे लेकर जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और जहानाबाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया.
जहानाबाद. मुड़का गांव में एक 10 वर्षीय बच्चे को सांप ने काट लिया. इसके बाद उसके परिजन अस्पताल में इलाज कराने के लिए ले जाने के बजाय झाड़-फूंक और वैद्य के चक्कर में इधर-उधर घूमते रहे और जब बच्चे की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हुई तो इलाज के लिए उसे लेकर जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और जहानाबाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार पटना जिले के कोड थाना अंतर्गत मुड़का गांव में 10 वर्षीय बच्चे सोनू कुमार को देर रात 3 बजे उसके घर में ही सांप ने काट लिया. बताया जाता है कि सांप जहरीला करेत प्रजाति का था. सांप काटने के बाद जब बच्चे की स्थिति बिगड़ी तो उसे परिजनों को उसका पता चला और वह उसे लेकर इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय पहले वैद्य के यहां ले गए और फिर उसे झाड़ -फूंक वाला के यहां ले जाकर उसका झाड़- फूंक करने लगे. इन सब चक्करों में काफी समय निकल गया और बच्चे की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई. इसके बाद झाड़- फूंक वाले और वैद्य ने हाथ खड़े कर दिये और उसे लेकर अस्पताल जाने को कहा. इसके बाद बच्चों के परिजन उसे लेकर नजदीक के जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे, जहां बच्चे का चेकअप करने के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. सदर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना था कि अगर समय से बच्चे को इलाज के लिए लाया जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी, किंतु परिजनों ने अस्पताल लाने में बहुत देर कर दी. आज भी अंधविश्वास के कारण लोग सांप काटने के बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराने लगते हैं जिसमें कीमती समय निकल जाता है और इलाज करने के लिए समय नहीं बचता. ऐसे में बहुत लोगों की जान जा चुकी है.
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