इंजरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट हुआ ऑनलाइन

एक बार रिपोर्ट बन जाने के बाद इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं हो पायेगा. यह व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन होगी.

By AMLESH PRASAD | August 21, 2025 10:18 PM

अरवल. सरकारी अस्पतालों में बनने वाली मेडिको लीगल रिपोर्ट जैसे इंज्युरी, रेप मामले से जुड़ी सभी जांच रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के सहयोग से मेडिको लीगल एंड पोस्टमार्टम रिपोर्टिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर डेवलप किया है. एक बार रिपोर्ट बन जाने के बाद इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं हो पायेगा. यह व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन होगी. सरकार की ओर से हर क्षेत्र में ऑफ लाइन की जगह ऑनलाइन कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है. इसको लेकर अब थाने को भी डिजिटलाइजेशन किया गया है. इसी कडी में अब सरकारी अस्पतालों से ऑनलाइन इंजूरी व पोस्टमार्टम रिपोर्ट भेजी जायेगी. जिससे सारी रिपोर्ट स्पष्ट तरीके से पदाधिकारियों सहित पीडीतों की समझ में आ सके. अभी पहले फेज में अरवल सदर अस्पताल से आफ लाइन कंप्यूटराइज्ड इंजूरी व पोस्टामर्टम रिपोर्ट भेजी जा रही है. जिसमें चिकित्सकों के हस्ताक्षर व नाम भी अंकित रहते हैं. जिससे प्रतिवेदन भेजने वाले चिकित्सकों की जानकारी भी थाने में दर्ज की जा रही है. इससे पूर्व चिकत्सिक की ओर से पेश किये जाने वाले इंजूरी व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके हस्ताक्षर ही होते थे. जिससे प्रतिवेदन भेजने वाले चिकित्सक की पहचान में कठिनाई होती थी. लेकिन अब व्यवस्था बदल रही है. नियमों में की जा रही तब्दिलयों की वहज से कार्य को सरल व स्पष्ट किया जा रहा है. इसको लेकर सदर अस्पताल को अलग से कंप्यूटर भी मुहैया कराये जायेंगे. वहीं, न्यायिक कार्य के साथ ही आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान में इंजूरी रिपोर्ट एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट सबसे अहम मानी जाती है. इसमें थोडी भी चूक पूरे मामले को प्रभावित कर देती है. इसमें गलती को कोई गुंजाइश नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन व कंप्यूटराइज्ड प्रोसेश अपनाए जा रहे हैं. जिससे इसमें भी पूरी पारदर्शिता अपनाई जा सके. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए अस्पताल चक्कर नहीं लगाना होगा. रिपोर्ट पुलिस को मिलेगी, पुलिस रिपोर्ट नहीं मिलने का बहाना बनाकर कोर्ट में आनाकानी नहीं कर सकेगी. रिपोर्ट में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा. क्या कहते हैं अधिकारी

सदर अस्पताल में अब इंजूरी, रेप केस और पोस्टमार्टम रिपोर्ट ऑनलाइन किया जा रहा है. अस्पताल में अब अपलोड होना शुरु हो गया है. धीरे-धीरे अब यह सभी पीएचसी में भी अपलोड होने लगेगा.

डॉ रमन आर्यभट्ट, उपाधिक्षक, सदर अस्पताल

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