Jehanabad : एचडब्ल्यूसी में मरीजों को नहीं मिल रही बेहतर इलाज की सुविधा

जिले के ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पतालों में भी मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को सुदृढ़ किया गया था. मिशन बुनियाद के तहत जिले के 79 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया गया था. इसके बाद भी मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

By MINTU KUMAR | June 25, 2025 10:44 PM

जहानाबाद नगर. जिले के ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पतालों में भी मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को सुदृढ़ किया गया था. मिशन बुनियाद के तहत जिले के 79 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया गया था. इसके बाद भी मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है. मरीज को छोटे-छोटे मर्ज के इलाज के लिए भी जिला अस्पताल आना पड़ रहा है. यही कारण है कि सदर अस्पताल में दिनोंदिन मरीजों की संख्या में इजाफा होती जा रही है. जिले में 111 एचडब्ल्यूसी है. सदर अस्पताल में बुनियादी सेवाओं की बहाली व आधारभूत संरचना के विकास को लेकर चलाये गये मिशन 60 के तर्ज पर जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की बेहतरी के लिए विभाग द्वारा मिशन बुनियाद चलाया गया था. इसके तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आम नागरिकों को उपलब्ध करायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना उद्देश्य था. मिशन बुनियाद के तहत एचडब्ल्यूसी पर उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाते हुए अस्पताल भवनों को सुंदर बनाने, साफ-सफाई का बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करने, आवश्यकता अनुरूप सभी उपकरणों की उपलब्धता, दवा, चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का प्रयास किया गया था. इसके बाद भी जिलेवासियों को इसका समुचित लाभनहीं मिल पा रहा है. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बेहतर इलाज नहीं होने के कारण उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ रही है. वहीं एचडब्ल्यूसी में ओपीडी का संचालन होने के बाद सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में कमी आने की संभावना जतायी जा रही थी. वर्तमान में सदर अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी में 600-700 मरीजों का इलाज होता है. 16 एचडब्ल्यूसी में हैं चिकित्सक : जिले के मात्र 16 एचडब्ल्यूसी में चिकित्सक तैनात हैं. जबकि 30 एचडब्ल्यूसी में सीएचओ काम करते हैं जिन्हें सप्ताह में चार दिन एचडब्ल्यूसी में काम करना होता है. जबकि दो दिन एडिशनल सेंटर पर काम करना होता है. वहीं 20 एचडब्ल्यूसी में स्टाफ नर्स कार्यरत हैं. ऐसे में बिना चिकित्सक के संचालित एचडब्ल्यूसी में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे ही होता है. यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या से में मरीज छोटे-छोटे मर्ज के इलाज के लिए जिला अस्पताल की दौड़ लगाते हैं.

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