Jehanabad : ठाकुरबाड़ी स्थित संगम घाट की शुरू हुई सफाई

शहर के ठाकुरबाड़ी स्थित संगम घाट पर सफाई कार्य शुरू कर दिया गया है. छठ घाट और उसकी सीढ़ी की सफाई की जा रही है. घाट के आसपास पसरे कूड़े को उठाया जा रहा है.

By MINTU KUMAR | March 22, 2025 11:16 PM

जहानाबाद

. शहर के ठाकुरबाड़ी स्थित संगम घाट पर सफाई कार्य शुरू कर दिया गया है. छठ घाट और उसकी सीढ़ी की सफाई की जा रही है. घाट के आसपास पसरे कूड़े को उठाया जा रहा है. ज्ञात हो कि शहर के सबसे बड़े छठ घाट ठाकुरबाड़ी स्थित दर्धा जमुना संगम घाट पर चारों ओर गंदगी पसरी हुई है. छठ घाट की सीढ़ियों पर मिट्टी और पूजा के अवशेष पड़े थे. वहीं घाट के आसपास कूड़े का अंबार लगा था. छठ पर्व और पूर्णिमा स्नान के बाद घाट की सफाई नहीं करायी गयी थी. छठ पर्व नजदीक आने तथा सफाई का शुरू नहीं किये जाने के कारण ठाकुरबाड़ी गौरक्षणी के और आसपास के श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त था. कुछ सामाजिक संगठनों के साथ शहर के श्रद्धालुओं ने इस मामले में जिलाधिकारी अलंकृता पांडेय से मुलाकात कर छठ पर्व को नजदीक होने का हवाला देते हुए तुरंत दर्जा जमुना संगम घाट पर छठ घाट की सफाई शुरू करने की मांग की. डीएम के द्वारा इस मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश दिये आने के बाद शहर के संगम घाट की सफाई शुरू कर दी गयी. इसके बाद नगर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर और वार्ड दफादार नगर परिषद कर्मियों की देखरेख में संगम छठ घाट की सफाई में जुट गये हैं. सफाई कर्मियों के साथ-साथ ट्रैक्टर ट्राली मंगा लिया गया. कूड़े उठाए जाने लगे. छठ घाट की सीढ़ियां और आसपास के इलाके में झाड़ू दिया जाने लगा. सीढ़ियों पर जमी मिट्टी को खुरच कर निकाला जाने लगा है. डीएम के निर्देश के बाद नगर परिषद के द्वारा संगम घाट पर गिरने वाले आंबेडकर नगर के नाले के पानी को डायवर्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही संगम घाट और आसपास लगे एलईडी बल्ब और क्षतिग्रस्त तार की मरम्मत की जा रही है. शहर के छठ घाटों की सफाई अभी तक शुरू नहीं कराए के कारण छठ व्रत करने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ आम लोग भी नाराजगी थी. शहर में मुख्य रूप से दरधा जमुना संगम घाट पर बड़े पैमाने पर छठ पूजा का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में छठव्रती अर्घ देने आते हैं. जबकि उनके सगे संबंधी और श्रद्धालुओं की संख्या मिलकर लाख से ऊपर पहुंच जाती है. नगर परिषद की ओर से अभी तक घाट की सफाई शुरू नहीं कराई गई थी. छठ घाट और उसके आसपास गंदगी अंबार लगा था. घाट की सीढ़ियां और नदी के अराड पर गंदगी फैली हुई थी. संगम घाट पर पानी रोकने के लिए बनाये गये छोटे घेरे के पास अभी भी गंदगी लगी है. आधार के ऊपर बने पंचायत भवन के पास गंदगी और कूड़े का अम्बार लगा है जिसे उठाने का काम शुरू कर दिया गया है. वर्तमान समय में नदी और नदी घाट पर गंदगी के अलावा नदी में जमा पानी भी काफी गंदा है. संगम घाट पर पानी की गंदगी का हाल यह है कि उसमें बदबू आ रही है. ऐसे में उसे गंदे पानी में छठ व्रत कर अर्घ देना मुश्किल लगता है. नदी में जमा गंदे पानी को निकालने और गंदे पानी को रोकने का प्रयास भी नहीं किया गया. नदी से गंदे पानी को निकालने के पहले उसके बहाव को रोकना पड़ता है. प्रत्येक वर्ष नदी में गंदे पानी को निकालने के लिए कई मोटर लगाने पड़ते है. जिससे पानी निकलने में कई दिन लग जाते हैं. इसके बाद नदी की गीली जमीन पर ब्लीचिंग पाउडर छीड़क कर उसे सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है. जमीन सूखने के बाद फिर मोटर से शुद्ध और स्वच्छ जल नदी में भरा जाता है जिसके बाद व्रतियां उस स्वच्छ जल में अर्थ देती है.

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