Jehanabad : धनतेरस पर सौ करोड़ रुपये से अधिक का हुआ कारोबार

धनतेरस के शुभ अवसर पर जिले में लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ.

By MINTU KUMAR | October 18, 2025 11:11 PM

जहानाबाद. धनतेरस के शुभ अवसर पर जिले में लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ. इस दिन सोने-चांदी के जेवरात और सिक्के, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम और वाहन खरीदने में लोगों ने जमकर दिलचस्पी दिखायी. कई दुकानों पर खरीदारी पहले से बुक किये गये आइटमों की डिलीवरी के रूप में भी हुई. जिले में पहले से ही सोने चांदी बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक, वाहन सहित अन्य दुकानें सज -धज कर तैयार थीं. दुकानों पर दोपहर बाद भीड़ जुटनी शुरू हो गई. इसके बाद जो खरीदारी शुरू हुई वह देर रात तक जारी रही. कोई सोने चांदी के जेवरात और सिक्के खरीद रहा था तो कोई बर्तन की खरीदारी कर रहा था. इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर भी भीड़ लगी थी. सबसे ज्यादा बिक्री सोने चांदी के जेवरात और सिक्के के अलावा बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम की हुई. इसके अलावा धनतेरस के अवसर पर झाड़ू भी खूब बिके. धनतेरस के दिन झाड़ू की खरीदी शुभ मानी जाती है. धन और समृद्धि के लिए लोग सोने चांदी के सिक्के और जेवरात खरीदने हैं. इसके अलावा बर्तनों की भी खूब खरीद होती है जो लोग सोने चांदी की खरीद नहीं कर पाते हैं वह बर्तन की खरीद तो जरूर करते हैं. इसके साथ-साथ घर के जरूरत के अनुसार लोग धनतेरस के अवसर पर वाहन और इलेक्ट्रॉनिक के आइटम की भी खरीदारी करते हैं. इन दुकानों पर पिछले दो तीन दिनों से ग्राहकों का आना भी जारी था. ग्राहक धनतेरस के दिन खरीदे जाने वाले आइटमों की बुकिंग पहले ही कर चुके थे. खास कर वाहनों की बुकिंग एक सप्ताह पहले से ही चल रही थी. लोग अपनी जरूरत के अनुसार कर और बाइक की खरीदारी के लिए एक सप्ताह पहले से ही विभिन्न कंपनियों के शोरूम का विकसित कर रहे थे. पसंद किए गए वाहनों की बुकिंग पहले ही कर ली गई थी. धनतेरस के अवसर पर लोग शोरूम में आकर अपने बुक किए गए कार और बाइक की डिलीवरी ले रहे थे. इस अवसर पर कुछ बड़े व्यावसायिक वाहन भी बिके. इन व्यावसायिक वाहनों की बुकिंग भी पहले ही हो चुकी थी. धनतेरस के दिन बुक किए गए गहनों की डिलीवरी लेकर महिलाएं काफी खुश दिख रही थी. आम सोने चांदी की दुकानों पर भी इस अवसर पर काफी भीड़ देखी गई. इन दुकानों पर भी बहुत सारे गानों की पहले ही बुकिंग हो चुकी थी तो बहुत सारे गहने धनतेरस के दिन पसंद कर खरीदे गए. जबकि सोने चांदी के सिक्के की कोई बुकिंग पहले से नहीं की गई थी. लोग धड़ल्ले से ज्वेलर्स की दुकानों पर जाकर अपनी क्षमता के अनुसार सोने या चांदी के सिक्के की खरीद कर रहे थे. सबसे ज्यादा चांदी के सिक्के की बिक्री हो रही थी, उस पर भी अंग्रेज के जमाने में विक्टोरिया काल के सिक्के की बाजार में सबसे ज्यादा डिमांड थी. कुछ लोग चांदी के बर्तन की भी खरीदारी कर रहे थे. खासकर वैसे लोग जिनके घरों में बेटे या बेटियों की शादी तय है वह शादी में देने के लिए चांदी के बर्तन और गहनों की खरीदारी पर जोड़ दे रहे थे. हालांकि हर साल लगातार विक्टोरिया काल के सिक्के की लगातार बिक्री से उसके असली होने पर भी संदेह जताया जा रहा है, क्योंकि ऐसे सिक्के बहुत सीमित मात्रा में है. जबकि हर साल लाखों की संख्या में ऐसे सिक्कों की बिक्री होती है. कोई भी खरीदार इन सिक्कों को बाजार में फिर से बचने नहीं जाता है, बावजूद इसके हर साल प्रत्येक सोने चांदी की दुकानों पर धड़ल्ले से ऐसे सिक्के मिल जाते हैं. इसके साथ ही धनतेरस के अवसर पर देर रात तक बर्तन की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ लगी रही. लोग अपनी जरूरत के अनुसार बर्तनों की खरीदारी कर रहे थे. ऐसी दुकानों पर ग्राहक शुभ मुहूर्त में पीतल, कांसा और स्टील के बर्तन की खरीदारी में लगे थे तो कोई शादी-ब्याह के ख्याल से कन्यादान में बर्तन देने के लिए पीतल की बर्तन की खरीदारी में व्यस्त था तो कोई पूजा के बर्तन की खरीद कर रहा था. इसी तरह की दुकानों पर भी देर रात तक खरीदारों की भीड़ लगी रही. लोग टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, एसी, कूलर, गीजर और वाटर फिल्टर की खरीद कर रहे थे. धनतेरस के अवसर पर जिले में झाड़ू की भी खूब बिक्री हुई. मान्यता के अनुसार झाड़ू की खरीद से भी घर में दरिद्रता को दूर कर माता लक्ष्मी के आगमन को आसान किया जाता है. धनतेरस पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ-साथ कुबेर की भी पूजा की गई. देवता और दानव के द्वारा समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था.

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