अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए चाहिए था 17 मत, मिले 15

जहानाबाद (नगर) : नगर पर्षद के उपमुख्य पार्षद अरुण कुमार के खिलाफ पार्षदों द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच समाहरणालय स्थित ग्राम प्लेक्स भवन में मतदान कराया गया.... मतदान में नगर पर्षद के 33 पार्षदों में 22 ने ही भाग लिया. मतदान के दौरान दो पार्षद उपमुख्य पार्षद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2015 10:06 AM

जहानाबाद (नगर) : नगर पर्षद के उपमुख्य पार्षद अरुण कुमार के खिलाफ पार्षदों द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच समाहरणालय स्थित ग्राम प्लेक्स भवन में मतदान कराया गया.

मतदान में नगर पर्षद के 33 पार्षदों में 22 ने ही भाग लिया. मतदान के दौरान दो पार्षद उपमुख्य पार्षद अरुण कुमार व रवि चंद्रवंशी ने भाग नहीं लिया. 20 पार्षदों ने वोट डाले, जिसमें तीन वोट रद्द कर दिये गये. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 15 मत पड़े, जबकि दो मत अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में पड़े. अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए 17 मतों की आवश्यकता थी, लेकिन 15 मत ही प्रस्ताव के पक्ष में पड़े, जिससे अविश्वास प्रस्ताव 15-2 से गिर गया.

अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने से उपमुख्य पार्षद की कुरसी सलामत रह गयी. कुरसी बचते ही समर्थक पार्षदों ने जश्न मनाया तथा उपमुख्य पार्षद को फूल-मालाओं से लाद कर खुशी का इजहार किया. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए जिला पंचायती राज पदाधिकारी व नप के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी की देखरेख में मतदान संपन्न हुआ.

इससे पूर्व मतदान में भाग लेनेवाले पार्षदों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच से गुजरना पड़ा. इस दौरान सुरक्षा कर्मियों द्वारा एक पार्षद को दरवाजे पर ही रोक दिया गया, क्योंकि वे मतदान के लिए निर्धारित समय से विलंब पहुंचे थे. आखिरकार वरीय पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद वे मतदान में भाग ले सके.

12 पार्षदों ने लाया था अविश्वास प्रस्ताव

नगर पर्षद के 12 पार्षदों द्वारा उपमुख्य पार्षद अरुण कुमार के विरुद्ध तीन जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. इस संबंध में पार्षदों ने मुख्य पार्षद को पत्र लिख कर अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन के लिए बैठक की तिथि निर्धारित करने को कहा था.

पार्षदों द्वारा पत्र में उल्लेख किया गया था कि पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी नरेंद्र नाथ द्वारा की गयी वित्तीय अनियमितता में उपमुख्य पार्षद की संलिप्तता रही है तथा वे आये दिन पार्षदों को अपमानित करने का कार्य करते हैं. पार्षदों ने धारा 25(4) के तहत उपमुख्य पार्षद के प्रति अविश्वास व्यक्त किया था.