अविलंब प्रारंभ हो शिक्षकों का वेतन निर्धारण कार्य
वेतन भुगतान समेत अन्य मुद्दाें को लेकर शिक्षकों में आक्रोश
जमुई. शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा में व्याप्त अनियमितताओं और लापरवाही को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. जानकारी देते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के जिलाध्यक्ष डीसी रजक ने बताया कि जिले में कार्यरत नियमित, नियोजित, विशिष्ट, पंचायत और प्रखंड स्तर के शिक्षकों को छह माह से समय पर वेतन भुगतान कराने में स्थापना शाखा विफल है, जिससे शिक्षकों में गहरा असंतोष है. उन्होंने बताया कि बार-बार के वार्ता के बावजूद विभागीय समस्याओं का समाधान नहीं किया गया. हमलोगों ने कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के साथ मिलकर शिक्षकों की समस्याओं को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) पारस कुमार के समक्ष रखा लेकिन इसके बाद भी पदाधिकारी के द्वारा हमारी बातों को नजरअंदाज किया गया है. जिले में सैकड़ों शिक्षकों का चिकित्सा अवकाश, अर्जित अवकाश, शिक्षिकाओं का मातृत्व अवकाश का भुगतान लंबित है. विभागीय लिपिकों और पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण शिक्षकों को बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाना पड़ रहा है. यहां तक कि दो वर्ष पूर्व घोषित महंगाई भत्ते की राशि का भी अब तक भुगतान नहीं हुआ है. सक्षमता (द्वितीय) उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षकों का वेतन जनवरी 2025 से ही एचआरएमएस बोर्डिंग के नाम पर बाधित कर दिया गया है, जिससे अनेक शिक्षक आर्थिक तंगी और भुखमरी जैसी स्थिति से जूझ रहे है. विभागीय उदासीनता के कारण शिक्षकों की स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है. जिलाध्यक्ष ने बताया कि जिले के लगभग 20 शिक्षकों को माननीय पटना उच्च न्यायालय पटना द्वारा एमएसीपी लाभ देने का आदेश पारित किया गया है. बावजूद इसके उन्हें आज तक इस लाभ से वंचित रखा गया है. इसके अलावा कई ऐसे शिक्षक भी हैं जिन्हें विभाग द्वारा मनमाने ढंग से निलंबित कर वर्षों से यूं ही छोड़ दिया गया है. इससे शिक्षकों का मनोबल टूट रहा है. महासंघ (गोप गुट) ने स्पष्ट किया है कि यदि शिक्षकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया और उन्हें समय पर वेतन, अवकाश व एरियर भुगतान नहीं किया जाता है, तो संघ आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य हो जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
