बारिश ने छीना सिर से छत, तीन मजदूर परिवार हुए बेघर
गरही पंचायत अंतर्गत देवलाटांड़ गांव में लगातार बारिश के कारण तीन मजदूरों के मिट्टी के घर पूरी तरह से ढह गये हैं.
खैरा . गरही पंचायत अंतर्गत देवलाटांड़ गांव में लगातार बारिश के कारण तीन मजदूरों के मिट्टी के घर पूरी तरह से ढह गये हैं. इससे तीनों मजदूरों के परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. पीड़ितों में दो महिलाएं भी शामिल हैं, जिनके सिर से पहले ही पति का साया उठ चुका है. अब घर भी टूट गया है. उनके सामने रहने व बच्चों के पेट भरने की दोहरी चुनौती खड़ी हो गयी है. पहला मामला सुवेदा खातून का है, जिनके पति अंसारी बीते पांच वर्षों से घर से बाहर हैं. उनका मिट्टी का घर बारिश के दौरान अचानक गिर गया. दूसरा मामला रूबिया खातून का है, जिनके पति तफज्जुल का निधन पांच साल पहले ही हो चुका है. तीन बच्चों की मां रूबिया अब पूरी तरह बेघर हो चुकी हैं. वहीं तीसरे पीड़ित मुख्तार अंसारी, पिता मोहम्मद कमरत मियां, का घर भी बारिश में धराशायी हो गया है. मुख्तार के दो छोटे बच्चे हैं, जिनकी देखभाल और भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी उन पर है. तीनों परिवारों ने खैरा के अंचल अधिकारी को लिखित आवेदन देकर तत्काल सहायता की मांग की है. पंचायत समिति सदस्य जैनब प्रवीण ने इन सभी मामलों में प्रशासन से सहायता की सिफारिश की है. लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पायी है. बारिश के इस मौसम में सबसे बड़ा सवाल यह है कि ये परिवार कब तक खुले में दिन और रात काटेंगे? जिन घरों में कभी चूल्हा जलता था, अब वहीं सिर्फ टूटी दीवारें और भीगा फर्श बचा है. सुवेदा और रूबिया जैसे महिलाएं दिन भर खेतों में या दूसरों के घर काम करती हैं और शाम को आकर अपने बच्चों के लिए दो वक्त का भोजन जुटाती थीं. लेकिन अब ना छत बची है और ना ही चूल्हा. इन तीनों मजदूर परिवारों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है. जरूरत है कि प्रशासन तत्काल इन मामलों पर ध्यान दे और इन्हें अस्थायी आवास, राशन व सहायता राशि मुहैया कराये.
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