आजादी के 77 वर्षों के बाद भी पेंघी गांव के रविदास टोला को सड़क नसीब नहीं
प्रखंड अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बहुल टोलों में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सरकार की ओर से विशेष विकास शिविर आयोजित करने की तैयारी की जा रही है.
बरहट . प्रखंड अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बहुल टोलों में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सरकार की ओर से विशेष विकास शिविर आयोजित करने की तैयारी की जा रही है. यह पहल इसलिए की जा रही है ताकि केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंचे. प्रखंड के पेंघी गांव स्थित मुसहरी और तांड़ के रविदास टोला में लगभग 1000 परिवार वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं. आज़ादी के 77 साल बीत जाने के बावजूद यहां सड़क तक नहीं बन सकी है. पंचायत भवन से काली मंदिर होते हुए मुसहरी टोला तक जाने के लिए अब तक पक्की सड़क नहीं बन पायी है. वार्ड सदस्य पंचा देवी का कहना है कि बरसात के समय यह रास्ता कीचड़ में तब्दील हो जाता है. जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. शादी-ब्याह किसी बीमार को अस्पताल ले जाना या गर्भवती महिलाओं की समय पर चिकित्सा –ये सभी काम बाधित हो जाते हैं. ग्रामीणों ने मदन दास, किशुन दास, जगदेव दास, गणेश दास, बालेश्वर दास, परमेश्वर मांझी, भानरु मांझी, उमेश मांझी, अनिल मांझी, पारो मांझी ने बताया कि हर चुनाव के वक्त नेता और जनप्रतिनिधि टोले में आकर बड़े-बड़े वादे करते हैं और सड़क निर्माण का भरोसा देते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे कभी पलटकर नहीं आते. उनकी अनदेखी से नाराज ग्रामीणों ने इस बार चुनाव में नेताओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. ताकि सरकार और प्रशासन उनकी ओर ध्यान दें. ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि इस टोले की दशा पर संज्ञान लिया जाए और अविलंब सड़क निर्माण का कार्य शुरू कराया जाए. उनका कहना है कि सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए सड़क जैसी बुनियादी सुविधा बेहद जरूरी है और इससे वंचित रखना संविधान और लोकतंत्र के मूल भावना के खिलाफ है. इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रवण कुमार पांडेय ने बताया कि सड़क बनाने के लिए उपयुक्त जमीन है कि नहीं इसका इसका सर्वे कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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