UPSC Result: बिहार से टॉपर बनीं इशिता व गरिमा के सिर से उठ गया था पिता का साया, जानें संघर्ष व सफलता की कहानी

UPSC 2022 का रिजल्ट जारी हुआ और फिर एकबार बिहार से ही टॉपर निकली. पटना की इशिता किशोर टॉपर बनीं तो बक्सर की गरिमा ने दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया. दोनों टॉपर की कहानी लगभग एक सी है. दोनों के सिर से पिता का साया उठ गया और दोनों के लिए जीवन का संघर्ष शुरू हो गया.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 24, 2023 6:43 AM

UPSC 2022 का रिजल्ट जारी कर दिया गया. इस बिहार भी बिहार के लिए रिजल्ट बेहद संतोषजनक रहा. लगातार तीन सालों से यूपीएससी के रिजल्ट में बिहार का जलवा जारी है. इस बार टॉपर बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली इशिता किशोर (ishita kishore upsc topper) बनीं. वहीं रैंक 2 पर भी बिहार का ही कब्जा रहा. बक्सर की गरिमा लोहिया(garima lohia upsc) दूसरे स्थान पर रहीं. दोनों टॉपरों की कहानी लगभग एक जैसी ही है. दोनों ने अपने पिता को खो दिया लेकिन सपने बेहद दूर के देखे और कैसे संघर्ष पथ पर चलकर सफलता की ऊंचाई पर जाकर जगह बनाई. आइये जानते हैं..

टॉपर: पटना की इशिता किशोर का सफर

मूल रूप से पटना सिटी की रहने वाली इशिता किशोर ने सात साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था. वह जब सात साल की थीं, तो इनके पिता विंग कमांडर संजय किशोर का देहांत हो गया. इसके बाद परिवार के सदस्य नोएडा शिफ्ट हो गये. इनकी माता गर्दनीबाद की रहने वाली हैं. वह निजी स्कूल में अध्यापिका हैं. बड़े भाई वकील हैं.श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विवि से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में स्नातक करने के बाद पिता के सपने को पूरा करने के लिए इशिता ने दिन-रात मेहनत किया.उन्होंने तीसरे प्रयास में यह कामयाबी हासिल की

Also Read: UPSC टॉपर बनीं पटना की इशिता किशोर, रैंक वन पर एक बार फिर बिहार का कब्जा
सेकेंड टॉपर बक्सर की गरिमा लोहिया का सफर

बक्सर की गरिमा लोहिया ने यूपीएससी में दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया है. उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक किया. इनके पिता मनोज कुमार लोहिया कपड़ों के थोक व्यापारी थे, जिनका निधन 2015 में हो गया था. पिता के देहांत के बाद गरिमा ने हिम्मत नहीं हारी. अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने शीर्ष दूसरा स्थान हासिल किया. गरिमा ने बताया कि घर में ही सेल्फ स्टडी की. रोज कम से कम आठ घंटे पढ़ती थी. कभी किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. गरिमा अब बिहार में रहकर ही प्रदेश की सेवा करना चाहती हैं. यानी गरिमा की इच्छा होम कैडर की है.

Next Article

Exit mobile version