Gopalganj News : रमजीता के रामेश्वरकर्तानाथ धाम में सजी सुर व ताल की महफिल, नारायणी के तट पर दिखा आस्था व भक्ति का अद्भुत नजारा
Gopalganj News : मुझे आई ना जग से लाज, मैं इतना जोर से नाची आज, कि घुंघरू टूट गये...'''' लोक गायक सुनील दुबे ने जब इस गीत को गाना शुरू किया, तो महफिल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी. मौका था रमजीता में रामेश्वर कर्तानाथ महोत्सव का.
कुचायकोट/ सासामुसा. ”मुझे आई ना जग से लाज, मैं इतना जोर से नाची आज, कि घुंघरू टूट गये…” लोक गायक सुनील दुबे ने जब इस गीत को गाना शुरू किया, तो महफिल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी. मौका था रमजीता में रामेश्वर कर्तानाथ महोत्सव का. महोत्सव में बुधवार की शाम सुर व ताल की महफिल सजी. स्वर, लय व ताल से दियारे की धरती झंकृत हो उठी.
फिजां में चहुंओर माटी के गीतों की महक फैली
वहीं फिजां में चहुंओर माटी के गीतों की महक फैल गयी. कला, संस्कृति व युवा विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित महोत्सव में सुर व ताल की महफिल सजी, तो वहीं नारायणी के तट पर आरती के दौरान आस्था व भक्ति का अद्भुत नजारा दिखा. महोत्सव में बुधवार की रात देर तक हजारों दर्शक भोजपुरिया माटी की संस्कृति की खुशबू से सराबोर होते रहे. दर्शक कलाकारों की एक से बढ़ कर एक प्रस्तुति देख-सुन तालियां बजाते रहे. बिहार का गौरवगान सुन गर्व महसूस करते रहे. यहां लोकगीतों की सतरंगी सरिता बहती रही. भोजपुरिया माटी की खुशबू के बीच महोत्सव के मंच पर लोक संस्कृति जीवंत हो उठी. लोक गायक सुनील दुबे की प्रस्तुति के बाद साकार कलाकृति पटना द्वारा बिहार गौरव गाथा पेश की गयी, तो आम से लेकर खास तक का सिर गर्व से ऊंचा हो उठा. वे भावुक हो उठे.
नारायणी के तट पर सुर-सरिता की रसधारा में भीगते रहे लोग
नारायणी के तट पर सुर-सरिता की रसधारा में लोग देर रात तक भीगते रहे. कलाकारों ने एक-से-बढ़कर एक प्रस्तुति से महफिल में समां बांध दिया. लोग हर प्रस्तुति पर तालियां बजा कलाकारों की हौसला अफजाई करते रहे.
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