Pitru paksha 2025: गयाजी में सुषमा स्वराज की बेटी ने किया मां का पिंडदान, इस दिन करेंगी राजनितिक चर्चा
Pitru paksha 2025: पितृपक्ष के अवसर पर मोक्ष नगरी गयाजी में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. देश-विदेश से लोग अपने पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान करने आ रहे हैं. इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने भी यहां पहुंच कर अपनी मां का पिंडदान किया. गयाजी में कई देश के प्रमुख लोग भी पितृपक्ष महासंगम में शामिल होकर अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध कर रहे हैं.
Pitru paksha 2025: शुक्रवार को भाजपा की दिग्गज नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज विष्णुनगरी पहुंचीं. उन्होंने अपनी माता सुषमा स्वराज के लिए पिंडदान किया और साथ ही अन्य पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए भी पूजा-अर्चना की. बांसुरी स्वराज से तीन दिन पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपने पूरे परिवार के साथ गया आए और पिंडदान किया. इसके अलावा महाभारत सीरियल के दुर्योधन अभिनेता पुनीत इस्सर ने भी अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान किया. इस तरह देश के प्रसिद्ध लोग भी इस पितृपक्ष महासंगम में भाग ले रहे हैं.
अन्य पूर्वजों के लिए भी किया श्राद्ध
तीर्थ पुरोहित गयापाल बैजनाथ मेहरवार दाढ़ी वाला ने बताया कि बांसुरी स्वराज शुक्रवार की दोपहर विष्णुपद मंदिर पहुंचीं. उन्होंने मंदिर परिसर में अपनी माता के लिए पिंडदान किया और साथ ही अन्य पूर्वजों के लिए भी श्राद्ध किया. इस एक दिन के पिंडदान के दौरान विष्णुपद, फल्गु और अक्षयवट का विधान संपन्न किया गया.
शनिवार को बोधगया में करेंगी राजनितिक चर्चा
सांसद बांसुरी स्वराज ने फल्गु नदी में तर्पण और विष्णुचरण पर पिंड अर्पित कर अपनी माता स्व. सुषमा स्वराज के ब्रह्मलोक की शांति की कामना की. उन्होंने अक्षयवट का विधान भी संपन्न किया और करीब दो घंटे तक विष्णुपद मंदिर में रहकर पितृपक्ष अनुष्ठान किया. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह धार्मिक अनुष्ठान के लिए आई हैं, राजनीतिक चर्चा शनिवार को बोधगया में होगी.
इसलिए करते हैं पिंडदान
पितृपक्ष के दौरान श्रद्धालु अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके मोक्ष की कामना पूरी हो. गया की धर्म नगरी में इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं और विशेष रूप से विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी के किनारे पिंडदान का आयोजन होता है.
