श्रीलंका बौद्ध मठ में महापरित्राण पाठ कर रोगमुक्त होने की कामना की
तीन दिवसीय आयोजन के तहत रविवार को होगा चीवरदान समारोह
बोधगया.
महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया यानी श्रीलंका बौद्ध मठ में शुक्रवार को महापरित्राण पाठ का आयोजन किया गया. दोपहर बाद करीब तीन बजे यहां बने मंडप में बौद्ध विद्वान भिक्षुओं ने महापरिता देशना का पाठ शुरू किया. यह अनवरत रात 10 बजे तक संचालित किया गया. इसके बाद पूजा स्थल पर रखे शुद्ध जल व धागे को श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया गया. महापरित्राण पाठ के संबंध में महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी वेन पी शिवली थेरो ने बताया कि तथागत बुद्ध ने महापरित्राण पाठ की शुरूआत की थी, जब एक प्रदेश के लोगों को अज्ञात बीमारी ने अपने चपेट में ले लिया था. इसकी सूचना पर पहुंचे तथागत बुद्ध ने भिक्षुओं से महापरित्राण पाठ कराया था व पाठ स्थल पर रखे शुद्ध जल का छिड़काव पूरे प्रदेश के घरों व लोगों पर कराया था. इसके बाद लोग रोगमुक्त हो गये. उन्होंने बताया कि पाठ के माध्यम से लोगों को रोगमुक्त रहने की कामना की गयी व यहां मौजूद श्रीलंकाई श्रद्धालुओं के बीच शुद्ध जल का वितरण किया गया व छिड़काव किया गया. तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत शनिवार को बांग्लादेश बौद्ध मठ से महाबोधि मंदिर तक विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षओं व श्रद्धालुओं के साथ चीवर यात्रा निकाली जायेगी व रविवार को श्रीलंका बौद्ध मठ में महा कठिन चीवरदान समारोह का आयोजन किया जायेगा. समारोह में शामिल होने के लिए श्रीलंका से एक हजार से ज्यादा श्रद्धालु बोधगया पहुंचे हैं. आयोजन को लेकर श्रीलंका बौद्ध मठ परिसर को पंचशील पताखों व फूलों से आकर्षक रूप से सजावट की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
