सरदार पटेल ने भारत की एकता की मजबूत नींव रखी : अर्जुन
मगध विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनायी गयी
मगध विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मनायी गयी जयंती
सरदार पटेल ने एकीकृत भारत की अवधारणा को साकार कर देश को एक सूत्र में पिरोया : प्रो खान
फोटो- गया बोधगया 210- जयंती समारोह में मौजूद प्रो प्रो एहतेशाम खान व एमयू के अन्य प्राध्यापक
वरीय संवाददाता, बोधगयामगध विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में एसएन सिन्हा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य व राजनीति विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ अर्जुन शर्मा मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ. विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार घोष, प्रो एहतेशाम खान, डॉ निर्मला कुमारी, डॉ शमशाद अंसारी, डॉ श्रद्धा ऋषि व अविनाश कुमार सहित विभाग के सभी शिक्षकों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. अपने संबोधन में प्रो एहतेशाम खान ने कहा कि सरदार पटेल ने एकीकृत भारत की अवधारणा को साकार कर देश को एक सूत्र में पिरोया. उन्होंने आधुनिक भारत के राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया. डॉ निर्मला कुमारी ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे सरदार पटेल के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र की एकता, अखंडता व सशक्त लोकतंत्र के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं. विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार घोष ने कहा कि पटेल का यथार्थवादी और व्यावहारिक दृष्टिकोण आज भी नीति निर्माण के लिए प्रेरणास्रोत है. मुख्य अतिथि डॉ अर्जुन शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के प्रणेता सरदार पटेल ने भारत की एकता की मजबूत नींव रखी थी. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भाषावाद, प्रांतीयता और क्षेत्रवाद जैसी चुनौतियों का समाधान पटेल के विचारों से ही संभव है. डॉ श्रद्धा ऋषि ने कहा कि पटेल का एकीकृत भारत विविधताओं को मिटाकर नहीं, बल्कि उन्हें सम्मानपूर्वक फलने-फूलने का अवसर देकर एकजुट करता है. वहीं, अविनाश कुमार ने सरदार पटेल की तुलना अंतरराष्ट्रीय विचारक जोसफ नाई से करते हुए कहा कि आज के दौर में पटेल की नीतियों से प्रेरित होकर ‘स्मार्ट पावर’ की अवधारणा को अपनाना समय की मांग है. कार्यक्रम का समापन डॉ शमशाद अंसारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
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