Gaya News :जिले में 1000 से अधिक प्राइवेट अस्पताल, पर बायो वेस्ट निस्तारण के लिए महज 450 का रजिस्ट्रेशन

Gaya News : जिले में एक हजार से अधिक जांच केंद्र और प्राइवेट अस्पताल संचालित हो रहे हैं. इनसे निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एएनएमएमसीएच परिसर में विशेष प्लांट की व्यवस्था की गयी है.

By PRANJAL PANDEY | July 9, 2025 11:12 PM

गया जी. जिले में एक हजार से अधिक जांच केंद्र और प्राइवेट अस्पताल संचालित हो रहे हैं. इनसे निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एएनएमएमसीएच परिसर में विशेष प्लांट की व्यवस्था की गयी है. इस प्लांट में सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ-साथ जांच केंद्रों से भी बायो वेस्ट लाकर नष्ट किया जाता है. हालांकि, हकीकत यह है कि जिले के केवल 600 अस्पतालों का ही इस प्लांट से रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिनमें से भी नियमित रूप से रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराने वाले अस्पतालों की संख्या मात्र 450 है. वहीं, शहरी इलाकों के कई अस्पतालों का कचरा सड़क किनारे या ग्रामीण क्षेत्रों के खेतों में फेंका जा रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. रजिस्ट्रेशन वाले अस्पतालों से प्लांट की गाड़ियां नियमित रूप से मेडिकल वेस्टेज कलेक्ट करती हैं. नगर निगम की ओर से दुकानदारों और नागरिकों को कचरा यत्र-तत्र नहीं फेंकने की सख्त हिदायत दी गयी है, बावजूद इसके हालात में खास सुधार नहीं हो सका है. निगमकर्मियों के लिए सड़क किनारे पड़े मेडिकल वेस्टेज, जैसे इंजेक्शन की सुइयां और स्लाइन की टूटी बोतलें, गंभीर रूप से खतरनाक साबित हो रही हैं. नियम के तहत किसी भी प्राइवेट या सरकारी अस्पताल को मेडिकल वेस्टेज नगर निगम के सामान्य कचरे में नहीं देना चाहिए. सिविल सर्जन कार्यालय से रजिस्ट्रेशन के समय भी प्लांट में रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता होती है. इसके बावजूद जिले में बड़ी संख्या में अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के ही संचालित हो रहे हैं.

रजिस्ट्रेशन शुल्क की दरें

1 से 6 बेड वाले अस्पताल: ₹1955 प्रति वर्ष7 से 10 बेड वाले अस्पताल: ₹3226 प्रति वर्ष

11 से 15 बेड वाले अस्पताल: ₹4838 प्रति वर्ष16 से 20 बेड वाले अस्पताल: ₹6452 प्रति वर्ष

(अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ने पर शुल्क भी बढ़ाया जाता है.)

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी

स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम नीलेश कुमार का कहना है कि अस्पतालों को हर हाल में मेडिकल वेस्टेज के निस्तारण के लिए प्लांट में रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए. खुले में कचरा फेंकना पूरी तरह गलत है, इससे तरह-तरह की बीमारियां फैलती हैं और संक्रमण का खतरा बना रहता है.

नगर निगम की सख्ती

नगर आयुक्त कुमार अनुराग ने दो दिन पहले ही स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि यदि कोई अस्पताल या व्यक्ति कचरा इधर-उधर फेंकता है तो उस पर जुर्माना लगाया जायेगा. उन्होंने कहा कि कचरा कलेक्शन के लिए पहुंचे कर्मचारियों को लोग कचरा नहीं देते, और उनके जाने के बाद सड़क किनारे फेंक देते हैं. इससे सफाई व्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है. अब चेतावनी के बाद भी अगर सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई की जायेगी.

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