गयाजी में पितृपक्ष मेले का हुआ शुभारंभ, पिंडदान करके पितरों की आत्मा को मोक्ष दिलाने जुटेंगे श्रद्धालु

Pitru paksha 2025: गयाजी में पितृपक्ष मेला 2025 की शुरुआत शनिवार को हो गयी. 17 दिनों तक मोक्ष का यह महापर्व चलेगा. पितरों की आत्मा की शांति के लिए देश-विदेश से आकर श्रद्धालु पिंडदान करेंगे.

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 6, 2025 6:05 PM

पितरों के मुक्तिधाम गयाजी में राजकीय पितृपक्ष मेले का शुभारंभ शनिवार की शाम को हो गया. छह से 21 सितंबर तक इस मेले का आयोजन होगा. उद्घाटन समारोह में मंत्री और सांसद-विधायक आदि मौजूद रहे. 21 सितंबर तक चलने वाले इस राजकीय मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन-प्रवचन आदि का भी आयोजन होना है.

उद्घाटन समारोह में ये रहे मौजूद

शनिवार को हुए उद्घाटन समारोह में बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी, पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह, गया जिला प्रभारी मंत्री सुनील कुमार, विधायक मंजू अग्रवाल, मेयर गणेश पासवान, जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्य मौजूद रहे.

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324 सेक्टर अधिकारियों की तैनाती

विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला के लिए गयाजी में 324 सेक्टर अधिकारियों की तैनाती की गयी है. विदेशों से भी आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रशासन की नजर रहेगी. पिंडदानियों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए विष्षुपद मंदिर के पास पुलिस कंट्रोल रूम भी खोल दिया गया है. सुबह तीन बसे से रात 11 बजे तक गयाजी शहर के किसी भी रूट पर ट्रक और बस जैसे बड़े वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गयी है.

17 दिनों तक चलेगा मोक्ष का यह महापर्व

मोक्ष का यह महापर्व 17 दिनों तक चलेगा. देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु गयाजी आएंगे. भगवान विष्णु की पावन नगरी गयाजी में आश्विन महीने में प्राचीन काल से ही यह मेला लगता आया है.पौराणिक मान्यता है कि यहां पिंडदान, श्राद्धकर्म और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष मिल जाता है. वर्तमान में यहां 54 वेदी स्थल हैं. जहां लाखों की संख्या में आए श्रद्धालु अपने पितरों के उद्धार के लिए अनुष्ठान करते हैं.

श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम

गयाजी में पितृपक्ष मेला के लिए जिला प्रशासन ने 64 सरकारी जगहों पर श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की है. गांधी मैदान में 2500 लोगों के लिए टेंट सिटी बनायी गयी है. इसके अलावा 132 होटल-गेस्ट हाउस और 527 पंडा के निजी भवनों को तैयार किया गया है. यहां शुल्क देकर श्रद्धालु ठहर सकते हैं. 76 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम प्रशासन ने किया है.