सोशल मीडिया पर कार्यकर्ता अभद्रता की पराकाष्ठा पार करने में नहीं कर रहे परहेज
विधानसभा चुनाव : प्रत्याशी के बदले कार्यकर्ता ही सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय
विधानसभा चुनाव : प्रत्याशी के बदले कार्यकर्ता ही सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय जितेंद्र मिश्रा, गया जी इस विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया का उपयोग हर स्तर पर किया जा रहा है. पहले होता यह था कि यदि चुनाव के दौरान कोई नेता अपने विरोधी दल के नेता को कोई आपत्तिजनक शब्द बोलते थे, तो उस पर जोरों से चर्चा होने लगती थी. इस बार विभिन्न दलों के कार्यकर्ता ही सोशल मीडिया पर कमान संभाल रखे है. सोशल मीडिया पर अभद्रता की हर पराकाष्ठा को पार करने में कोई परहेज भी नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं पुराने विवादित खबर या फिर योजना के बारे काम नहीं होने पर भी पब्लिक का अभद्र बयान खुलेआम सोशल मीडिया में चल रहा है. इस पर अंकुश लगाने के बजाय और हवा ही दी जा रही है. एक का वीडियो अपलोड होने के बाद विरोधी दल के कार्यकर्ता कुछ देर में उसके जवाब में वीडियो अपलोड कर दे रहे हैं. अब तक यह देखा जा रहा है कि प्रत्याशी अपनी ओर से विकास को लेकर बात कर रहे हैं. इस तरह के विवाद में कोई भी प्रत्याशी नहीं कूद रहे हैं. विभिन्न दलों से कुछ चिह्नित कार्यकर्ता हर दिन पहले के किसी न किसी विवादित घटना को वर्तमान में नया रूप देकर प्रस्तुत कर रहे हैं. पारिवारिक लड़ाई या फिर आपराधिक घटनाओं को भी राजनीतिक रंग देने से पीछे नहीं हट रहे है. प्रिंट मीडिया में इस तरह की चर्चाओं से हर वक्त परहेज किया जाता है. इसके चलते सोशल मीडिया को ही विभिन्न दलों के कार्यकर्ता हथियार बना कर उपयोग कर रहे हैं. हाल के दिनों में देखा जाये, तो प्रत्याशी के बारे में किसी पब्लिक से अभद्र शब्द बोलवाने के बाद विभिन्न तरह के सोशल प्लेटफाॅर्म पर उसे चलाया जा रहा है.
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