गुरुआ में दो पूर्व विधान पार्षदों के आमने-सामने आने से चुनावी मुकाबला हुआ दिलचस्प
गुरुआ विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव बेहद रोचक और चर्चा का विषय बन गया है
परैया. गुरुआ विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव बेहद रोचक और चर्चा का विषय बन गया है. दो पूर्व विधान पार्षदों के चुनावी मैदान में उतरने से गुरुआ का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. राजग से भाजपा ने पूर्व विधान पार्षद को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनके पास लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव है, और वह क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं. भाजपा द्वारा गुरुआ सीट से उन्हें मौका दिये जाने के बाद, वह एनडीए की पारंपरिक वोट बैंक और अपने व्यक्तिगत जनाधार को मजबूत करने में जुटे हैं. वहीं, दूसरी ओर जन सुराज ने 12 वर्षों तक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद को मैदान में उतारा है. शिक्षक समुदाय और शिक्षा क्षेत्र में उनके लंबे कार्यकाल ने उनकी एक मजबूत पहचान बनायी है. जन सुराज से उनके ताल ठोंकने के बाद यह सीट त्रिकोणीय या बहुकोणीय मुकाबले के बावजूद एक हाई प्रोफाइल सीट बन गयी है. गुरुआ विधानसभा में कार्य कर चुके तीनों कद्दावर व अनुभवी नेताओं के आने से गुरुआ के मतदाताओं के बीच यह चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है. यह मुकाबला सिर्फ प्रत्याशियों का नहीं, बल्कि स्थापित दल की शक्ति और एक नयी वैकल्पिक राजनीति की जमीन तलाश रहे दल के बीच की लड़ाई है. इन नेताओं का व्यक्तिगत प्रभाव और जातिगत समीकरणों को साधने की रणनीति, गुरुआ के चुनावी नतीजों को अप्रत्याशित बना सकती है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्षेत्र की जनता किसे अपना विधायक चुनकर विधानसभा भेजती है.
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