खरौंध स्टेशन बेसकैंप हमले मे शामिल हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार
गिरफ्तार नक्सली रामप्रीत यादव जहानाबाद जिले के घोसी थाने के ठलूबिगहा गांव का रहनेवाला
सिरदला/नवादा सदर. बिहार विशेष कार्य बल के सहयोग से नवादा पुलिस ने बड़ी सफलता अर्जित करते हुए वर्षों से फरार चल रहे हार्डकोर नक्सली को गिरफ्तार करने ने सफल रही. नवादा पुलिस और एसटीएफ को जहानाबाद जिला के घोसी थाना अंतर्गत ठलूबिगहा गांव में हार्डकोर कोर नक्सली रामप्रीत यादव के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद बिहार एसटीएफ के नेतृत्व में जिला आसूचना इकाई नवादा और सिरदला थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार के साथ संयुक्त अभियान चला कर रामप्रीत यादव को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद नक्सली को गया जिला स्थित एसटीएफ शिविर में पुलिस पूछताछ करने के बाद सिरदला थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार को बुधवार को दोपहर बाद सौंप दिया गया. गिरफ्तार नक्सली रामप्रीत यादव के खिलाफ नवादा जिले के आलावा भी कई थानों में दर्ज प्राथमिकी दर्ज है. पुलिस सूत्रों की माने तो फिलहाल रामप्रीत यादव की गिरफ्तारी सिरदला थाना कांड संख्या 264/16 में की गयी है. तिलैया कोडरमा रेलखंड पर निर्माणाधीन खरौंध रेलवे स्टेशन के बेस कैंप पर 03 नवंबर 2016 को लेवी की मांग पूरी नहीं करने पर भाकपा माओवादी संगठन के नक्सलियों ने हमला कर गोलीबारी करते हुए ठेकेदारों और मजदूरों के साथ मारपीट कर कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. जिसके बाद पुलिस द्वारा 63 माओवादियों को नामजद करते हुए सिरदला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. गिरफ्तार नक्सली रामप्रीत यादव जहानाबाद जिले के घोसी थाना अंतर्गत ठलूबिगहा गांव निवासी बूंदी यादव का पुत्र है. नक्सली कांड दर्ज होने के बाद से फरार चल रहा था. जिसे गुप्त सूचना पर ठलूबिगहा गांव से ही एसटीएफ के सहयोग से सिरदला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पिछले मई और जून महीने में भी सिरदला पुलिस ने एसटीएफ के सहयोग से आधा दर्जन से ज्यादा हार्डकोर नक्सली इंद्रजीत महतो ऊर्फ पंकज ऊर्फ पप्पू तथा संतोष चौधरी, रविंद्र यादव, लालाबाबू यादव, राजू भुइंया, पिंटू यादव आदि को गया, जहानाबाद, अरवल आदि जिलों के विभिन्न थाना क्षेत्रों में छिप कर मजदूरी करते हुए गिरफ्तार करने में सफल रही थी.
पुलिस सुरक्षा में पुनः निर्माण कार्य हुआ संपन्न
माओवादी हमले के बाद दहशत में रहे ठेकेदारों और मजदूर निर्माण स्थल को अधूरा छोड़ कर पलायन कर गये थे. घटना के बाद मगध डीआइजी और नवादा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विकास वर्मन ने घटना स्थल का दौरा करते हुए निर्माण एजेंसी के संवेदकों को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन देते हुए दोबारा से निर्माण कार्य को शुरू करवाया था. जिसके बाद निर्माण स्थल पर एंटी लैंडमाइंस गाड़ी के साथ सैप जवानों की टुकड़ी को तैनात कर खरौंध स्टेशन और रेलवे ट्रैक के लिए बड़े बड़े पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो सका.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
