Gaya Airport: गया एयरपोर्ट से सभी विदेशी उड़ानें रद्द, म्यांमार एयरवेज ने भी बंद की अपनी सेवाएं

Gaya Airport: अप्रैल आते ही गया एयरपोर्ट वीरान हो गया. हर साल अक्टूबर से मार्च तक बोधगया का पर्यटन सीजन रहता है. इस दौरान थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम और श्रीलंका से बौद्ध श्रद्धालु बोधगया पहुंचते हैं. इस दौरान गया एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स की चहलकदमी देखी जाती है, लेकिन जैसे ही गर्मी ने दस्तक दी, वैसे ही इन देशों की उड़ानें एक-एक कर बंद हो गईं.

By Ashish Jha | April 23, 2025 10:18 AM

Gaya Airport: गया. बिहार के तीन एयरपोर्ट में से एक गया एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हो गयी हैं. बिहार के गया एयरपोर्ट से घरेलू सेवाएं नहीं के समान हैं. पूरे दिन में दिल्ली और कोलकाता के लिए केवल दो फ्लाइट हैं. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने के बाद एयरपोर्ट परिसर वीरान हो गया है. 30 मार्च से ही थाइलैंड, वियतनाम और भूटान की उड़ानें बंद हो चुकी थी. अब 21 अप्रैल तक उड़ान भरने वाली म्यांमार एयरवेज की अंतिम इंटरनेशनल फ्लाइट भी ठप हो गई है. इसके साथ ही गया एयरपोर्ट पूरी तरह से इंटरनेशनल उड़ानों से खाली हो गया है. विदेशी उड़ानें बंद होते ही एयरपोर्ट पर सन्नाटा पसर गया है.

एक एक कर हो गयी सभी विदेशी सेवाएं बंद

हर साल अक्टूबर से मार्च तक बोधगया का पर्यटन सीजन रहता है. इस दौरान थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम और श्रीलंका से बौद्ध श्रद्धालु बोधगया पहुंचते हैं. इस दौरान गया एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स की चहलकदमी देखी जाती है, लेकिन जैसे ही गर्मी ने दस्तक दी, वैसे ही इन देशों की उड़ानें एक-एक कर बंद हो गईं. इसके पीछे मुख्य वजह यात्रियों की घटती संख्या और गर्म मौसम है. सोमवार को गया एयरपोर्ट से इस साल म्यांमार एयरवेज अंतिम बार उड़ी. फिलहाल गया से इंडिगो की गया-दिल्ली व गया कोलकाता की घरेलू उड़ान जारी रहेगी.

अक्टूबर में फिर शुरू होगा इंटरनेशनल उड़ान

इंटरनेशनल विमानों की उड़ान बंद होने से बोधगया में विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला थम गया है. यहां के अधिकतर बौद्ध मठ और होटल सूने हैं. अब सात माह बाद यानी अक्टूबर से फिर विदेशी सैलानियों के आने का सिलसिल शुरू होगा. अगस्त माह तक ऑफ सीजन रहेगा. बोधगया का पर्यटन सीजन अमूमन सितंबर माह से शुरू हो जाता है. जब मौसम में ठंडक बढ़ेगी. मौसम बदलने के साथ विदेशी पर्यटकों का भी आना शुरू होता है. आमतौर पर मार्च तक पर्यटन सीजन चलती है. मार्च से सितंबर तक विमानों की आवाजाही नहीं रहने से पर्यटन सेक्टर को भारी नुकसान होता है.

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